शिमला: हिमाचल में यूजी कोर्स के तृतीय वर्ष की परीक्षाएं करवाने के लिए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज सहित विश्वविद्यालय प्रशासन क्यों उतावला है। इस प्रश्न को लेकर छात्रों ने टिवटर पर एक आंदोलन खड़ा किया है। इन छात्रों की मानें तो टिवटर पर आंदोलन ने ट्रेंड किया। प्रश्न यह भी उठाया जा रहा है कि जब अन्य राज्य छात्रों को प्रमोट कर रहे हैं तो हिमाचल में परीक्षा की जिद क्यों दिखाई जा रही है। पहले 15 जुलाई से परीक्षाएं शुरू करने को कहा गया, अब इसे आगे खिसकाया जा रहा है। ऐसे में छात्रों को एक मानसिक अवसाद का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का यह बयान आया है कि बिना परीक्षा के यूजी परीक्षा के छात्रों को प्रमोट नहीं किया जाएगा।
ये सवाल…
1. अगर कोई छात्र मंडी का रहने वाला है, जो पढ़ाई शिमला में कर रहा है तो उसका परीक्षा केंद्र मंडी में होगा। ऐसे में जब ट्रांसपोर्ट व्यवस्था सुचारू नहीं है तो वह शिमला से मंडी कैसे पहुंचेगा।
2. परीक्षा में देरी पर क्या स्टुडेंटस आगे प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं से वंचित नहीं होंगे।
3. परीक्षा के दौरान क्या संक्रमण की संभावना नहीं रहेगी। उदाहरण के तौर पर अगर परीक्षा केंद्र में दाखिल होने से पहले छात्र का तापमान आंक भी लिया गया तो भी संभावना शून्य नहीं होगी।
4. सरकार ने 31 मार्च को शैक्षणिक संस्थानों के हाॅस्टल बंद कर दिए थे। परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों की पुस्तकें हाॅस्टल्स में पड़ी हुई है। परीक्षा की तैयारी के लिए बुक्स का इंतजाम कैसे करेंगे।
5. परीक्षाओं की स्पष्ट अधिसूचना जारी न होने से छात्र डिप्रेशन में हैं। ग्रैजुएशन के आधार पर आगे की प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं के बारे में सोच-सोच कर मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं।
6. क्या छात्रों के जीवन से अधिक महत्वपूर्ण परीक्षाओं के संचालन की जिद है।
Latest
- खेल छात्रावास में प्रवेश के लिए 6 मई से होंगे खिलाडियों के ट्रायल
- #Himachal : IPL के बीच रैना पर टूटा दुखों का पहाड़, सड़क हादसे में ममेरे भाई की मौत
- एमए अंग्रेजी में फेल हुए छात्रों की मांग पर HPU ने गठित की कमेटी
- चुनावी माहौल के बीच ऊना में कार से बरामद हुई नकली करेंसी
- हिमाचल के बेटे ने एशियन गेम्स मेडलिस्ट को दी मात, गोल्ड वाले से बेहतर प्रदर्शन