सोलन: आस्था के प्रतीक शूलिनी मेले को कोरोना महामारी के चलते आज सूक्ष्म रूप दिया गया। परम्पराओं व अनुष्ठान को पूर्ण करने के लिए सूक्ष्म रूप में शूलिनी माता की डोली शूलिनी मंदिर से गंज बाजार स्थित अपनी बहन के पास गई। इस अवसर पर सिर्फ मंदिर के पुजारी कल्याणों सहित कारदारों ने कम गिनती में भाग लिया। शूलिनी मंदिर में हवन के बाद माता की यात्रा ढोल-नगाड़ो के साथ निकाली गई शोभायात्रा में पुष्प वर्षा, प्रसाद एवं भंडारे का वितरण नहीं किया गया।
आज प्रशासन के आदेश पर बाजार को बंद रखा गया और लोगों ने घरों में रहकर शूलिनी माता की पूजा अर्चना की। शोभायात्रा में उपस्थित लोगों ने मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा। ग़ौरतलब है कि हर माह जून माह में सोलन में माता शूलिनी का राज्य स्तरीय मेला आयोजित किया जाता है। जिसमे लाखों की संख्या मे भक्त मां के आगे नतमस्तक होकर मां शूलिनी का आशीर्वाद लेते हैं। इस बार कोरोना महामारी के चलते अति सूक्ष्म रूप में माता अपनी बहन से मिलने पहुँची व देवीय परंपरा के अनुसार दो बहनो का मिलन हुआ।
हर बार माता शूलिनी शहर का भ्रमण कर अपनी बहन के मंदिर जाती थी, लेकिन इस बार माता शूलिनी अपने स्थल से सीधी अपनी बहन के घर पहुची, जहां पर वह कल तक रहेंगी। इस दौरान वहां पर पूजा अर्चना की जाएगी। परसो यानि रविवार को माता रानी अपने मंदिर चली जाएगी।
उपायुक्त सोलन केसी चमन ने कहा कि यही प्राचीन परंपरा है, जिसमे अनुष्ठान पूर्ण करना जरुरी होता है और इस बार शूलिनी मेला न मनाकर सिर्फ परम्पराओं को पूरा किया गया है, जिसमें सोलनवासियो का पूरा सहयोग मिला है। उन्होंने कहा की सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रहते हुए यही परम्परा को पूर्ण किया गया है। उन्होंने कहा कि माता शूलिनी आने वाले साल में सोलनवासियो पर अपनी कृपा बनाए रखे, यह हम सब कामना करते हैं।
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