सुंदरनगर : हिमाचल प्रदेश के किसानों को एक और सरकार ऑर्गेनिक खेती करने के लिए बढ़ावा दे रही है तो दूसरी ओर किसान भी इस और अपनी रुचि दिखा रहे हैं। पहाड़ों की हसीन वादियों के ठंडे मौसम में लगने वाला सेब आजकल 42 डिग्री तापमान में सुंदरनगर में भी तैयार हो रहा है। सुंदरनगर जैसे गर्म तापमान वाले इलाके में भी सेब की फसल तैयार होने लगी है।
किसान गर्म इलाके की किस्में लगा कर सेब के उत्पादन को बढ़ावा दे रहे है। उपमंडल की ग्राम पंचायत महादेव के 2 सेवानिवृत्त शिक्षकों ने सेब की फसल उगा डाली है। दोनों ही सेवानिवृत्त शिक्षक निरंजन सिंह और लक्ष्मण राम ऐसे ही प्रगतिशील किसान है। उन्होंने 3 साल पहले हरीमन (एचआरएम.99) किस्म के सेब के कुछ पौधे लगाए थे। इनमें फल आना शुरू हो गए हैं।
निरंजन सिंह ने कहा कि आजकल बेरोजगार युवाओं के लिए सेब उत्पादन एक अच्छा विकल्प है। उन्होंने लोगों को यह मिसाल दी है कि लग्न और मेहनत से सब कुछ संभव है। उधर, इलाके में तैयार किए गए सेबों की हर कोई सराहना कर रहा है। निरंजन सिंह ने कहा कि उनके द्वारा तैयार किए हुए सेब पूरी तरह आर्गेनिक है। उनमें किसी तरह की कोई भी कैमिकल की स्प्रे नहीं की गई है और इन पौधों के लिए बहुत देखभाल की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि अगर सही जानकारी के साथ कोई इसकी खेती करता है तो यह रोजगार का एक विकल्प बन सकता है। बता दें कि निरंजन सिंह वर्ष 2015 को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घीड़ी से शास्त्री के पद से सेवानिवृत होने के बाद अपनी रूचि कृषि व बागवानी के कार्यों में दिखाई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जापानी फल व कीवी के पौधे भी लगाए है जो एक साल के बाद फल देना शुरू करेंगे।
वहीं सेवानिवृत्त शिक्षक लक्ष्मण राम ने कहा कि वे शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद इलाके में सेब की फसल उगाने का फैसला लिया और कुछ पौधे उन्होंने लगाए हैं। जिनमें अब 3 साल के बाद फल मिलना शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि जहां सरकार ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रही है वहीं अब किसान भी इसमें रूचि दिखाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों को प्रोत्साहन दे और कृषि विभाग द्वारा मार्गदर्शन मिले तो ठंड के मौसम में उगाने वाला सेब गर्म मौसम में भी तैयार किया जा सकता है।
आप को बता दें कि सेवानिवृत्त शिक्षक लक्ष्मण राम जेबीटी शिक्षक के रूप में हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में सेवाएं दे चुके है। 2018 में साई प्राथमिक विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए हैं।