सुंदरनगर : विश्वभर में फैली कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष उपमंडल के एकमात्र जगन्नाथ मंदिर हंडेटी में मान्यता बहुत साधारण तरीके से मनाए जा रही हैं। इस वर्ष भगवान जगन्नाथ यात्रा भी आयोजित नहीं की जाएगी। इस प्रकार सैंकड़ों वर्ष से चली आ रही परंपरा पहली बार टूट गई है। भगवान जगन्नाथ के कपाट 15 दिन के लिए बंद करने की परंपरा रविवार को हंडेटी स्थित जगन्नाथ मंदिर में बेहद सादगी से निभाई गई। परंपरानुसार भगवान जगन्नाथ अब 15 दिन पुजारी के सिवाए किसी और भक्त को दर्शन नहीं देंगे और सूक्ष्म रूप में ही पुजारी द्वारा भी भगवान का पूूूजन किया जाएगा।
वहीं इसके उपरांत 23 जून को आयोजित होने वाली प्रसिद्ध जगन्नाथ यात्रा भी इस वर्ष निकाली नहीं जाएगी। प्रधान सेवक रूपेश शर्मा द्वारा कोविड-19 संक्रमण के कारण रथयात्रा व इससे संबंधित अन्य कार्यक्रमों के स्थगन की सूचना भी दी गई। गौरतलब है कि छोटी काशी के सुंदरनगर उपमंडल का एकमात्र जगन्नाथ मंदिर पुराना बाजार के हंडेटी कस्बे में मौजूद है। मान्यतानुसार इस मंदिर में प्रत्येक वर्ष 15 दिनों के लिए भगवान जगन्नाथ भक्तों को दर्शन नहीं देते हैं। पुजारी इसको लेकर जगन्नाथ, बलभद्र और लक्ष्मी के आगे पर्दा लगाकर मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद कर देते हैं।
इसके उपरांत मंदिर में मात्र पुजारी द्वारा ही 15 दिनों तक सूक्ष्म पूजा की जाती है। वहीं 16 वें दिन मंदिर दोबारा खुलने पर भगवान जगन्नाथ मंदिर हंडेटी से एक भव्य रथ यात्रा के माध्यम से तीनों को 3 दिवसीय विश्राम के लिए पावन तपोस्थली जंगमबाग ले जाया जाता है। इस कारण मंदिर में त्योहार की तरह माहौल रहता है और रथ यात्रा के दिन सैंकड़ों लोग भगवान जगन्नाथ के दरबार में रथ खींच कर हाजरी भरते हैं।