सराहां: बागपशोग के करीब 21 वर्षीय युवक के पाॅजिटिव पाए जाने के मामले में नया खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक वो हरियाणा के नारायणगढ़ स्थित कंपनी में नहीं, बल्कि हिमाचल की सीमा के भीतर ही स्थित ऑरिसन इंटरनेशनल फार्मा कंपनी में मार्किटिंग की जिम्मेदारी संभाल रहा था। सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने शनिवार को गुपचुप तरीके से परिसर को सेनिटाइज करवाया। साथ ही कंपनी को बंद भी रखा गया। बताया यह भी जा रहा है कि फैक्टरी के प्रबंध निदेशक ने भी अपनी कोरोना टैस्टिंग करवाई है।
5 जून की रात विभाग को हरियाणा से युवक के पाॅजिटिव आने की सूचना मिली थी। कई कारणों से यह अब तक का सबसे पेचीदा मामला बना है। सवाल इस बात पर भी उठ रहा है कि जब कंपनी के कर्मचारी के सैंपल लिए गए थे तो इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को क्यों उपलब्ध नहीं करवाई गई, ताकि रिपोर्ट से पहले एहतियाती कदम उठाए जा सकते। बड़ी बात यह है कि जहां सढ़ोरा मार्ग पर ये फार्मा उद्योग स्थित है, वहां से महज एक से दो किलोमीटर की दूरी पर ही प्रशासन द्वारा संस्थागत क्वारंटाइन सैंटर भी बनाया गया है। अगर समन्वय बनाया जाता तो युवक इस सैंटर में भी रखा जा सकता था। ऐसा होने की सूरत में इतना बवाल नहीं मचता, जो इस समय मचा हुआ है।
प्रशासन को न केवल पब्लिक नोटिस जारी करना पड़ा, बल्कि युवक के संपर्क में आने वाले लगभग 100 से 150 लोगों के सैंपल भी लेने पड़ रहे हैं। बेशक ही मामला हरियाणा से रिपोर्ट हुआ है, मगर युवक को सराहां के ही अस्पताल में उपचाराधीन रखा गया है। इसी तर्ज पर कालाअंब के क्वारंटाइन सैंटर में भी रखा जा सकता था।
प्रशासन ने जनमानस से यह भी आग्रह किया है कि 4 जून को जिन लोगों ने निगम की बसों में एचपी18-2001 व एचपी18-4426 में सफर किया है, वो इसकी जानकारी दूरभाष नंबर-78265-56089 के अलावा 104 पर दे सकते हैं। एक बस कालाअंब से दोपहर 2 बजे नाहन पहुंची थी, जबकि दूसरी पौने 3 बजे शिमला के लिए रवाना हुई थी।
उधर सराहां के खंड चिकित्सा अधिकारी डाॅ. संदीप शर्मा ने कहा कि करीब तीन दर्जन लोगों की सैंपलिंग कर दी गई है, जो जारी रहेगी।
इसी बीच कालाअंब के उद्योग को लेकर नाहन की बीएमओ डाॅ. मनीषा अग्रवाल से बात की गई। उनका कहना था कि नई गाइडलाइन्स के मुताबिक व्यवसायिक प्रतिष्ठान को अब 48 घंटे तक ही बंद रखा जा सकता है। शनिवार व रविवार को उद्योग बंद रहा। काॅन्टैक्ट हिस्ट्री के मुताबिक सैंपल लेने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू की जाएगी।
बता दें कि ऑरिसन फार्मा ऐसे भौगोलिक क्षेत्र में स्थित है, जहां सामने हरियाणा का नारायणगढ़-यमुनानगर हाईवे है। हिमाचल से हिमाचल में आने के लिए हरियाणा की सीमा का इस्तेमाल करना पड़ता है। लिहाजा, यह अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है कि राज्य के सरकारी महकमों को इसे नियंत्रित करने के लिए कैसी मशक्कत करनी पड़ती होगी।