शिमला: करीब-करीब 3 लाख युवाओं से जुड़ा पटवारी भर्ती मामला अब सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है। इसका ऐलान पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से किया है। दीगर है कि इस मामले में एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने ही सबसे पहले इस बात का खुलासा 17 नवंबर 2019 को किया था कि जेबीटी भर्ती परीक्षा से जुड़े अधिकतर सवाल पटवारी भर्ती परीक्षा में पूछे गए हैं।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को कथित धांधली की याचिका को सीबीआई की जांच रिपोर्ट के अवलोकन के आधार पर खारिज कर दिया है। 1194 पदों की इस परीक्षा को लेकर कोर्ट ने सुनवाई के दौरान संभावना जताई थी कि चहेतों को फायदा देने के मकसद से भी परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षार्थियों ने परीक्षा के आयोजन में कई तरह के सवाल उठाए थे।
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हालांकि शुरूआती चरण में इस खुलासे को हलके में लिया गया, लेकिन धीरे-धीरे मामले ने तूल पकड़ लिया। जांच सीबीआई को सौंपी गई। पूर्व एडवोकेट जनरल विनय शर्मा का कहना है कि इस मामले में सीबीआई ने सरकार के दबाव में गलत रिपोर्ट दी है। जबकि यह सर्वविदित था कि भर्ती में भारी धांधली हुई है। उनका कहना था कि सीबीआई को यह नहीं दिखा कि जेबीटी भर्ती परीक्षा के सवाल ही पूछे गए थे। याचिकाकर्ताओं ने भी सीबीआई के समक्ष अपने बयान में इसका जिक्र किया था। शर्मा ने कहा कि सीबीआई को छोड़कर समूचे प्रदेश को पता है कि इस परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि यही सब कुछ सीबीआई ने गुडिया मामले में भी किया है। विनय शर्मा ने कहा कि ताजा आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी, क्योंकि मामला 3 लाख परीक्षार्थियों से जुड़ा है।