शिमला : लाखों के लेन-देन के कथित ऑडियो मामले में विजिलेंस की ओर से पकड़े गए पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर एके गुप्ता को आज अदालत से बड़ी राहत मिली। शिमला की जिला एवं सत्र अदालत ने गुप्ता को सशर्त जमानत दे दी है।
डॉक्टर गुप्ता की ओर से उनके अधिवक्ता ने पिछले दिनों जमानत का प्रार्थना पत्र पेश किया था जिस पर आज सुनवाई करते हुए अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश सुनाए। विजिलेंसी आरोपित के खिलाफ अदालत के समक्ष पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाई। अदालत में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। बचाव पक्ष के अधिवक्ता कश्मीर सिंह ठाकुर ने दलील में कहा कि महज वायरल ऑडियो को आधार बनाकर विजिलेंस यह सारी कार्रवाई कर रही है। जबकि रिकॉर्डिंग सहित लेन-देन के कथित मामले की प्रमाणिकता नहीं हो पाई है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात अदालत ने आरोपित को सशर्त जमानत देने के आदेश दिए। अदालत ने आदेश में कहा कि जमानत की अवधि में डॉक्टर गुप्ता हिमाचल से बाहर नहीं जा सकेंगे। राज्य की सियासत को गरमाने वाले इस मामले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहे राजीव बिंदल को इस्तीफा देना पड़ा है। गत 26 मई को बिंदल ने अपने पद से इस्तीफा दिया है।
सनद रहे कि ऑडियो प्रकरण में विजिलेंस ने डॉक्टर गुप्ता को गत 20 मई की रात को गिरफ्तार किया था। विजीलेंस का दावा था कि जांच में सहयोग न करने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उसी रात तबीयत बिगड़ने पर गुप्ता को आईजीएमसी में दाखिल किया गया था। विजिलेंस ने अदालत से गुप्ता का पांच दिन का पुलिस रिमाण्ड भी हासिल किया था। लेकिन रिमांड के दौरान विजिलेंस के हाथ कुछ खास नहीं लगा। आज ही गुप्ता का रिमांड खत्म हुआ था। पूर्व स्वास्थ्य निदेशक के खिलाफ विजिलेंस ने भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। राज्य सरकार पूर्व स्वास्थ्य निदेशक को निलंबित कर चुकी है। कल 31 मई को उन्होंने सेवानिवृत होना है।
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