नाहन (एमबीएम न्यूज): शाही महल में रौनक बहाल होने की उम्मीदें करीब तीन साल पहले उस वक्त भी जगी थी, जब रियासत के कानूनी वारिसों के बीच संपत्ति को लेकर दशकों पुराना विवाद सुलझ गया था। यहां तक की अंतिम शासक राजेंद्र प्रकाश की बेटी पदमिनी देवी जो मौजूदा में जयपुर के राजघराने की राजमाता है, ने महल के जीर्णाेद्धार का कार्य युद्धस्तर पर शुरू करवा दिया था। मगर शाही महल में महज 700 से 800 फुट के भूखंड को लेकर फिर विवाद पनप गया।
सूत्र बताते हैं कि हाल ही में इस विवाद को भी सुलझा लिया गया है। गौर हो कि हाल ही में नवरात्र के दौरान अष्टमी पूजन के लिए जयपुर से राजमाता के दामाद महाराज नरेंद्र सिंह अपने बेटे लक्ष्यराज के साथ पहुंचे थे। राजघराने की अपनी परंपराओं के मुताबिक अब रियासत के महाराज की गद्दी पर लक्ष्यराज विराजमान हैं, जिनका भव्य मंगलतिलक समारोह 15 मई 2013 को हुआ था।
सूत्र बताते हैं कि अष्टमी पूजन के दौरान शाही महल के 50 प्रतिशत हिस्से के कानूनी वारिस महाराज उदय प्रकाश भी नाहन पहुंचे थे। शाही महल में ही दोनों पक्षों के बीच अधिवक्ताओं ने मध्यस्थता की थी। बैठक में तमाम विवाद सुलझा लिए गए। उम्मीद की जा रही है कि जयपुर की राजमाता पदमिनी देवी जल्द ही शाही महल के जीर्णोद्धार को लेकर ठोस कदम उठा सकती हैं।
विवाद दोबारा पैदा हो जाने के कारण लगभग दो साल पहले राजमाता को शाही महल के जीर्णोद्धार के कार्य को रोकना पड़ा था। हालांकि दोनों पक्षों से इस मामले पर फिलहाल कोई बातचीत नहीं हो पाई है, लेकिन पुख्ता सूत्रों के मुताबिक शाही महल का इस्तेमाल टूरिज्म के लिए किया जा सकता है। लगभग साढ़े 12 बीघा भू खंड में फैले इस राजमहल की मार्किट वैल्यू 80 से 100 करोड़ के बीच हो सकती है।