शिमला : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी में 108 व 102 एंबुलेंस में तैनात कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा (पीपी) किट प्रदान न करने संबंधी जनहित याचिका पर जयराम सरकार व कंपनी प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। याचिका में दलील दी गई है कि कोरोना संकट के दौरान भी एंबुलेंस कर्मी अपनी सेवाएं चैबीसों घंटे प्रदान कर रहे हैं, लेकिन जीवीके-ईएमआरआई उनके साथ व्यक्तिगत जीवन सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं कराकर उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार पहली मई का समय निर्धारित किया है। मुख्य न्यायाधीश एल.नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवल दुआ की खंडपीठ ने हिमाचल के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव स्वास्थ्य और सेवा प्रदाना कंपनी जीवीके-ईएमआरआई धर्मपुर के प्रबंध निदेश को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट ने प्रदेश एंबुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पूर्ण चंद द्वारा मुख्य न्यायाधीश को ईमेल के माध्यम से प्रेषित पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर स्यू मोटो लेते हुए यह आदेश पारित किए।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुछ एंबुलेंसों में कंपनी ने केवल दो किट ही प्रदान की हैं जबकि एक बार किसी कर्मचारी द्वारा इस्तेमाल की गई किट को किसी अन्य कर्मचारी द्वारा बिना स्टरलाइज किए उपयोग नहीं किया जा सकता है, लेकिन उन वाहनों के सभी कर्मचारियों को केवल उन किटों का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि अगर कोई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आता है, तो चेन को तोड़ने के बजाय महामारी आग की तरह फैल जाएगी।
याचिकाकर्ता ने 108 व 102 एम्बुलेंस में तैनात सभी कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा किट प्रदान करने और उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों की सफाई के लिए उपाय करने का निर्देश देने की हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। मामले की अगली सुनवाई कल पहली मई को होगी।