नाहन : मत्स्य पालन से संबंधित लोगों की कठिनाई को कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने मत्स्य पालन में लगे लोगों तथा कामगारों के लिए जलाशयों और नदियों में मछली पकड़ने की गतिविधियों का संचालन करने के लिए 20 अप्रैल से छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी ने बताया कि जिला के मत्स्य पालन से संबंधित लोगों को इन गतिविधियों के संचालन में नियमों और शर्तों का पालन करना होगा। मछली पकड़ने की गतिविधियों के दौरान उनहे सोशल डिस्टेंसिंग और उचित स्वच्छता का कड़ाई से पालन करना होगा। कोविड-19 से संबंधित किसी भी लक्षण जैसे कि बुखार, खांसी, गला खराब, सांस लेने में तकलीफ के होने पर, उन्हें निकटतम मत्स्य विभाग, पुलिस स्टेशन या स्वास्थ्य केंद्रों को रिपोर्ट करना होगा। कोविड-19 वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मछुआरे सभी सुरक्षात्मक उपाय जैसे की सैनिटाइजर का इस्तेमाल और साबुन से हाथ धोना सुनिश्चित करेंगे। मछली पकड़ने की गतिविधियों के दौरान मछुआरों को सभी सावधानियां सुनिश्चित करनी होंगी जैसे की मास्क लगाना और हाथ के दस्ताने पहनना। मछुआरे को नियमित रूप से अपने उपकरणों की स्वच्छता भी सुनिश्चित करनी होगी।
उन्होंने बताया कि मछली पकड़ने और मछली के परिवहन तथा बर्फ के परिवहन का कार्य मछुआरों द्वारा जिला प्रशासन से आवश्यक अनुमति प्राप्त करके केवल दो व्यक्तियों के साथ ही किया जाएगा। विभाग अपने प्राधिकृत अधिकारी से कम से कम 24 घंटे पहले परमिट जारी करने की सुविधा प्रदान करेगा ताकि उपरोक्त गतिविधियों में शामिल मछुआरों व कर्मियों को असुविधा न हो। डॉ. परुथी ने बताया कि सभी उप निदेशक और सहायक मत्स्य निदेशक को विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने और नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। दिशा निर्देश के उल्लंघन की सूचना अधिकारियों द्वारा मत्स्य निदेशालय और जिला प्रशासन को दी जाएगी ताकि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई शुरू की जा सके।