बद्दी : अमूमन सरकारी विभाग में किसी भी व्यक्ति को 8 घंटे की ड्यूटी करनी होती है, मगर कोरोना संकट में पुलिस कर्मियों को 12 से 14 घंटे की ड्यूटी लगातार करनी पड़ रही है। यही नहीं करीब डेढ़ माह से लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। इस भयंकर संकट में फ्रंटलाइन पर पुलिस कर्मचारी अपने कर्तव्य का निर्वहन बखूबी कर रहे हैं। अवकाश न मिलने की वजह से पुलिसकर्मियों को शारीरिक व मानसिक थकान का सामना करना पड़ रहा है।
इस समय बद्दी व नालागढ़ कोरोना को लेकर हॉटस्पॉट बने हुए हैं, यानी यहां पर पुलिसकर्मियों पर किस तरह का तनाव होगा, यह सब समझना हर किसी के लिए आसान है। ऐसे हालात में एसपी रोहित मालपानी ने लगातार ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों के लिए एक उपाय निकाला है। एसपी ने तीन थाना प्रभारियों निर्मल दास, लखबीर सिंह व मोहर सिंह को अनिवार्य अवकाश दिया है।
अहम बात यह है कि जिन्हें अनिवार्य अवकाश दिया गया है, उनके स्थान पर डीएसपी व एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारियों के अलावा इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी को ड्यूटी सौंपी गई है। अनिवार्य ऑफ के दौरान पुलिसकर्मियों को अपने स्वास्थ्य के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है। साथ ही नींद पूरी करने को कहा गया है। एसपी ने अवकाश पर भेजे कर्मियों को यह भी सलाह दी है कि इस दौरान मोबाइल का इस्तेमाल न करें। शारीरिक गतिविधियों के लिए योगा करें।
एसपी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि थाना प्रभारी ही आगे अपने जवानों को अनिवार्य अवकाश के तहत ऑफ देंगे। एसपी ने थाना प्रभारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जिन पुलिस कर्मचारियों की उम्र 55 वर्ष से ऊपर हो चुकी है उन्हें ऐसी जगह पर ड्यूटी सौंपी जाए जहां उनका संपर्क आम जनता से कम हो। इसके अलावा एक और अन्य सराहनीय कदम में एसपी ने ऐसे ही 22 पुलिस कर्मचारियों की सूची तैयार की है, जिनकी उम्र 55 साल से अधिक हो चुकी है। इन कर्मचारियों को स्वास्थ्य के अलावा जरूरी सुविधाओं को मुहैया करवाने पर भी प्रयास चल रहा है।
एसपी रोहित मालपानी का कहना है कि कर्मचारियों व अधिकारियों को आने वाले वक्त में भी लंबी ड्यूटी करनी पड़ सकती है। लिहाजा उन्हें आराम दिया जाना भी बेहद ही लाजमी है। बहरहाल इस बात में कोई दोराय नहींं है कि पुलिस महकमे में फ्रंट लाइन प रकांस्टेबल से इंस्पेक्टर रैंक तक की सबसे अधिक अहमियत है। ऐसे में कुशल नेतृत्व की सूरत में ही भयंकर संकट का सामना किया जा सकता है।