शिमला: अगर तबलीगी जमात सही तरीके से सहयोग करती तो निश्चित ही आज हिमाचल कोरोना मुक्त होता। दुनिया भर में कोरोना का कहर है। इस समय राज्य में कोरोना के 20 एक्टिव केस है, जो परोक्ष व अपरोक्ष तौर पर निजामुदीन मरकज से जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी इस बात पर दंग हैं कि जमाती चंबा के तीसा में ऐसी जगह पहुंच गए, जहां अभी भी बर्फ पड़ी हुई है। महज 96 से 108 घंटे के भीतर ही जमात से जुड़े 20 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए।
सिलसिला 4 अप्रैल से शुरू हुआ। आईजीएमसी में 7 में से 3 का ताल्लुक मरकज से था। इसके बाद आंकड़ा क्रमश: 1, 4 व 9 हो गया। इस समय जमात से जुड़े 8 लोगों को बद्दी में दाखिल किया गया है तो चंबा से ताल्लुक रखने वाले 4 संक्रमितों को नेरचौक मेडिकल कॉलेज में दाखिल किया गया है। इसके अलावा जमात से जुड़े 3 लोगों का उपचार आईजीएमसी में चल रहा है। शेष 5 टांडा में भर्ती हैं। ऊना के अंब की एक मस्जिद के मौलवी को टांडा भेजा गया है। यही मस्जिद हिमाचल में कोरोना की हॉटस्पॉट बनी हैं। 12 पॉजिटिव मामले यहीं से जुड़े हैं।
इन हालातों को देखकर मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन की मियाद को बढ़ाने को लेकर स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। दीगर है कि ऊना में संक्रमित पाए गए 9 में से अधिकतर उन लोगों के संपर्क में आए थे, जो दिल्ली से लौटे थे।
एक अहम बात यह भी है कि निजामुदीन में 18 मार्च को जो धार्मिक कार्यक्रम था, उसी में हिस्सा लेने वाले संक्रमित पाए जा रहे हैं। आंकड़े काफी हद तक यह जाहिर कर रहे हैं कि दिल्ली से जो लोग 18 मार्च के बाद हिमाचल पहुंचे, वो ही कोरोना से संक्रमित होकर आए थे। अगर राज्य सरकार आईपीसी की धारा-302 व 307 की चेतावनी जारी न करती तो हालात ओर भी खराब हो सकते थे। कुल मिलाकर अब यह दुआ की जानी चाहिए कि जल्द प्रदेश में स्थिति सामान्य हो जाए।