शिमला : कोरोना वायरस इस कद्र खौफ फैला चुका है कि आप साथ खड़े व्यक्ति के छींक मारने मात्र से ही कांप जाते हैं। सोचिए, उन जांबाजों का हौंसला क्या रहा होगा, जो एक साथ ही तीन कोरोना मरीजों को लेकर ऊना से टांडा के सफर पर निकले थे। हालांकि पांच पुलिस व दो 108 कर्मी पूरी तरह से किट में लैस थे, लेकिन उन तथ्यों को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता, जिसमें खुद डॉक्टर तक पीडि़त हो गए हों।
एक जबरदस्त सेल्यूट 108 के ईएमटी विनोद व पायलट गुरदीप को बनता है, जो यह बखूबी जानते थे कि जिन तीन व्यक्तियों को लेकर वो एंबूलेंस में टांडा जा रहे हैं, वो तीनों ही कोरोना से ग्रसित हैं। मामूली सी चूक की भी कोई गुंजाइश नहीं थी। ये तो तय है कि देवभूमि में कोरोना वायरस के संकट में इस तरह का वाकया पहला हुआ है। संभव यह भी है कि एक ही एंबूलेंस में तीन कोरोना रोगियों को भेजने का मामला भी अलग ही हो। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जब खंगाला, तब पता चला कि टीम लीडर गुरबख्श के नेतृत्व में कांस्टेबल रोहित भारद्वाज, मोहित, अनुज व विकास ने एंबूलेंस की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदारी संभाल रखी थी।
ऊना का रहने वाले ड्राईवर रामकुमार भी पूरे हौंसले से अपनी जिम्मेदारी को निभा रहा था। बीती रात 9 बजे के आसपास टीम टांडा के लिए रवाना हुई थी। डेढ़ से 2 बजे के बीच मंजिल पर पहुंच गई थी। सुबह साढ़े 4 बजे के आसपास 108 कर्मियों के अलावा पुलिस के जवान भी वापस ऊना पहुंचे। वीडियो देखकर आप यह अंदाजा बखूबी लगा सकते हैं कि जिस वक्त टीम रवाना हुई तो कैसे सदस्यों ने सावधानी बरती हुई थी। कुल मिलाकर ऐसे संकट के वक्त में खुद की जान खतरे में डालकर कर्त्तव्य निभाने वाले कर्मियों को सेल्यूट बनता है।