शिमला : कोरोना संक्रमण की वजह से किए गए लाॅकडाउन से हिमाचल प्रदेश के होटलों व रेस्टोरेंट में काम करने वाले मजदूरों की रोजी रोटी प्रभावित हो रही है। ये मजदूर अपने घरों व किराए के कमरों में रहने को विवश हैं तथा आर्थिक तंगी से जुझ रहे हैं। राजधानी में होटलों व रेस्टोरेंट में हजारों की तादाद में मजदूर काम करते हैं। श्रमिक संगठन सीटू से संबंधित हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा यूनियन ने प्रदेश की जयराम सरकार से होटल मजदूरों को आर्थिक पैकेज देने का अनुरोध किया है।
यूनियन के प्रधान बालकराम व महासचिव विनोद ने गुरूवार को कहा कि प्रदेश में लाॅकडाउन की वजह से 75 फीसदी मजदूरों को होटल प्रबंधकों ने घर भेज दिया है। इस संकट के समय में मजदूरों को कमरे का किराया देना भी मुश्किल हो गया है और खाने के लिए भी राशन लाने के लिए पैसे नहीं है। इनका कहना है कि न तो होटल मजदूरों को सेलरी मिल रही हैं और ना ही मजदूर अपने घर के लिए जा पा रहे है। जिससे हजारों मजदूरों को अर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है।
उन्होंने प्रदेश की जयराम सरकार से मांग उठाई है कि होटलों व रेस्टोरेंट में कार्यरत कर्मचारियों के लिए अर्थिक पैकेज के रूप में सहायता प्रदान की जाए, जिससे मजदूरों के उपर आने वाले समय में अर्थिक बोझ न पडे।
यूनियन ने शिमला जिला प्रशासन से मांग की है कि बहुत से मजदूर अपने घर के लिए जाना चाहते है लेकिन लॉकडाउन कि वजह से वह अपने घर नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन को मजदूरों को घर तक पहुचाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
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