चंडीगढ़ : दोपहर बाद से सोशल मीडिया में एक खबर सनसनी फैला रही थी। इसके मुताबिक हिमाचल भवन में शीर्ष अधिकारियों के अलावा रसूखदारों के बच्चों को ठहराया गया है। पड़ताल के दौरान हैरतअंगेज खुलासे हुए। पता चला कि इस समय हिमाचल भवन में केवल 5 को ही आश्रय मिला हुआ है। इसमें चंबा के सलूणी का रहने वाला 22 वर्षीय युवक भी है, जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने सीधे युवक से बात भी की तो उसने बताया कि उसे हिमाचल पुलिस के सोशल मीडिया एकाउंटस से जानकारी मिली थी कि हिमाचल भवन में सरकार ने लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए ठहरने की व्यवस्था की है। इसी बीच यह भी पता चला है कि धर्मशाला के छारी गांव की रहने वाली प्रिया शर्मा तो सड़क पर ही भटकने को विवश हो गई थी। वो नौकरी करती है। यूटी प्रशासन जब उसे भूखे होने की सूरत में खाना उपलब्ध करवाने गया था तो उसने हिमाचल भवन पहुंचाने की गुज़ारिश की थी। इसके अलावा हिमाचल भवन में स्वरांजलि, सुमित व नरेश कुमार को ठहरने की व्यवस्था मिली हुई है।
पड़ताल में यह भी पता चला कि हिमाचल भवन में ठहरे किसी भी शख्स का संबंध रसूखदार परिवार से नहीं है। अहम बात यह है कि हिमाचल भवन में 90 व्यक्तियों को ठहराने की व्यवस्था की गई थी। इसमें 85 बैड अभी भी खाली हैं। हिमाचल भवन में यूटी प्रशासन की मेडिकल टीम के अलावा नोडल अधिकारी मौजूद हैं। मेडिकल टीम की क्लीयरेंस के बाद ही किसी को भी ठहराने की अनुमति है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को ही सरकार ने हिमाचल भवन की व्यवस्था को लेकर ओएसडी की तैनाती की है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में ओएसडी के पद पर तैनात एचएएस अधिकारी राजीव कुमार ने सोशल मीडिया की खबरों को सिरे से नकारते हुए कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहित कुल 5 को ठहराया गया है, जिनका ताल्लुक किसी भी अधिकारी से नहीं है।