शिमला : देश की राजधानी की हज़रत निजामुदीन मरकज की तबलिगी जमात से देवभूमि में भी हडकंप मचाने वाली खबर आ रही है। इसके मुताबिक मरकज में हिस्सा लेने वाले 1830 लोग थे। पुख्ता जानकारी के मुताबिक इसमें से 15 हिमाचलियों के भी दिल्ली में टैस्ट करवाए जा रहे हैं। चिंता इस बात की भी है कि हजरत निजामुदीन मरकज से कुछ लोग वापस प्रदेश न लौट आए हों। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बताया कि देवभूमि में लौटे लोगों को पहले से ही निगरानी पर रखा हुआ है। उन्होंने फिलहाल दिल्ली से कोई भी ऐसी जानकारी मिलने से इंकार किया कि वहां 15 हिमाचलियों की सैंपलिंग की जा रही है।
मरकज में रह रहे लोगों को बीती रात ही निकाला गया है। इस कार्यक्रम में 281 अन्य देशों के लोग भी थे। सबसे अधिक तमिलनाडू के 501 लोग इस धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक दो दिनों से कोरोना के लोगों में लक्षण दिखाई दे रहे थे। प्रशासन ने संदिग्धों को अस्पताल ले जाने के लिए मरकज में एंबूलेंस की व्यवस्था भी की थी, लेकिन इंकार कर दिया गया। धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन 18 मार्च को किया गया था। चूंकि लॉकडाउन से पहले ही आयोजन हुआ, लिहाजा केंद्र सरकार के भी होश उड़े हुए हैं। अब यह दुआ की जा रही है कि 18 मार्च के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर कोई हिमाचल न लौटा हो।
बताया जा रहा है कि कुछ राज्यों में इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौटने वालों की मौत भी हो चुकी है। राष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक मरकज में इतना बड़ा खतरा पैदा किया गया है कि इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन से पहले करीब 1200 लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में जमात के लिए निकल गए थे। दीगर है कि दिल्ली के इस इलाके को प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सील कर दिया है। साथ ही ड्रोन से भी निगरानी रखी जा रही है। उधर एक अन्य जानकारी के मुताबिक नाहन व पांवटा साहिब में क्रमश: 19 व 45 को क्वारंटाइन पर रखा गया है, जिनकी रोजाना दो समय स्वास्थ्य जांच की जा रही है।
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