पांवटा साहिब : वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के प्रयास कई सप्ताह पहले शुरू हो गए थे। अब तक कोई भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है, जिसमें राजनीतिज्ञों ने सीधे तौर पर अपनी शारीरिक भागीदारी दिखाई हो। केवल चेहरे को मास्क से ढ़ककर मीडिया के सामने गुफ्तगू करते जरूर नजर आए हैं। हालांकि सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने भी एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा कर सराहनीय कदम उठाया है, लेकिन स्थानीय विधायक सुखराम चौधरी ने अलग ही मिसाल कायम की है।
चौधरी ने बुधवार सुबह खुद ही सेनेटाइजर की टंकी को अपने कंधे पर टांग लिया, ताकि वो अपने घर के साथ-साथ आसपड़ोस को भी सेनेटाइज कर सकें। चाहते तो पंचायत या फिर नगर परिषद के कर्मियों को घर बुलाकर सेनेटाइजेशन करवा लेते। प्रदेश में पहले ही संसाधनों की कमी है। अगर हर राजनीतिज्ञ इस तरह की मिसाल पेश करे तो चंद घंटों में ही समूचा प्रदेश सेनेटाइज हो जाएगा। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पंचायतीराज व स्थानीय निकायों के भी संसाधन सीमित हैं। ऐसे में लाजमी तौर पर इस तरह का कदम प्रेरणादायक होगा।
उधर विधायक सुखराम चौधरी का कहना है कि पंचायतें अपने स्तर पर 14वें वित्तायोग की राशि से मास्क व सेनेटाइजर खरीद सकती हैं। उनका कहना था कि इसके अलावा भी रोकथाम के लिए राशि खर्च की जा सकती है।