शिमला : कारोना वायरस के दृष्टिगत सरकार ने मास्क व सेनेटाइज़र्स को अनिवार्य वस्तुएं घोषित किया। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस (कोविड-19) को फैलने से रोकने के उद्देश्य से एहतियाती कदम उठाने का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन करते हुए 2 परत, 3 परत वाले और एन-95 मास्क तथा हाथों के सेनेटाइज़र्स को अनिवार्य वस्तुएं घोषित किया है।
केंद्र सरकार के इस निर्णय के दृष्टिगत, प्रदेश सरकार ने भी 30 जून, 2020 तक इन वस्तुओं को हिमाचल प्रदेश जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी रोकथाम आदेश, 1977 के अंतर्गत शामिल करने का फैसला किया है। अतः इन वस्तुओं की जमाखोरी और मुनाफाखोरी करने वाले व्यक्ति पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
प्रवक्ता ने कहा कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों और फील्ड अधिकारियों के साथ-साथ अतिरिक्त, उप एवं सहायक दवा नियंत्रकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, खंड चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सा अधिकारियों (स्वास्थ्य) और दवा निरीक्षकों को भी इस आदेश के अंतर्गत उनके कार्यक्षेत्र में निरीक्षण, तलाशी और अधिग्रहण की शक्तियां प्रदान की गई हैं। सरकार को रिपोर्ट्स मिल रही थी कि बाजार में मास्क-सेनेटाइज़र्स की जमाखोरी हो रही है।
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