नाहन : कोरोना वायरस को लेकर समूचे प्रदेश में कार्यक्रमों को रद्द किया जा रहा है। साथ ही शैक्षणिक संस्थानों में 31 मार्च तक छुट्टियां कर दी गई हैं। यहां तक की कांगड़ा में तो धारा-144 तक लागू कर दी गई है। बावजूद इसके सत्तारूढ़ राजनीतिक दल भाजपा ने दो दिवसीय कार्य समिति की बैठक को बखूबी अंजाम दिया। यहां तक की खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी दो दिन का वक्त पांवटा साहिब में ही बिताया।
दिलचस्प यह है कि इस दौरान मिशन-2022 का चिंतन हुआ। अगले विधानसभा चुनाव के लिए करीब अढ़ाई साल का वक्त बाकी है, लेकिन बीजेपी मिशन-रिपीट का नारा देना शुरू कर चुकी है। बेहतर होता, बीजेपी मिशन-रिपीट के लिए ऐसी जनहित योजनाओं की रूपरेखा तैयार करती, जिसकी बदौलत मिशन-रिपीट में सफलता हासिल होती। इसका उदाहरण दिल्ली की केजरीवाल सरकार से लिया जा सकता था। इतिहास इस बात की तस्दीक करता है कि चाहे कितने भी ताकतवर मुख्यमंत्री रहे हों, लेकिन 1990 के बाद मिशन रिपीट कोई नहीं कर पाया। सोशल मीडिया में कार्य समिति की बैठक से जुड़ी खबरों पर लोग विकास कार्यो को लेकर टिप्पणी करते रहे।
आयोजन से पहले तर्क दिया जा रहा था कि 27 साल बाद सिरमौर में कार्य समिति की बैठक हो रही है, अब यह तो पार्टी सुप्रीमो ही बता सकते हैं कि बैठक से मेजबान सिरमौर को क्या हासिल हुआ। रोचक बात यह भी है कि हिमाचल ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड में भी मिशन-रिपीट का नारा इस बैठक में दिया गया। यह तो जनता ही तय करेगी कि विकास कार्यों के दम पर बीजेपी अपने मंसूबों में सफल हो सकती है या फिर अढ़ाई साल पहले नारा देकर सफलता पाएगी। यह भी जनता को ही तय करना है कि क्या मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने के बाद जयराम ठाकुर प्रदेश में जनहित में कोई करिश्माई कदम उठा पाने में सफल हुए हैं या नहीं।
Latest
- खेल छात्रावास में प्रवेश के लिए 6 मई से होंगे खिलाडियों के ट्रायल
- #Himachal : IPL के बीच रैना पर टूटा दुखों का पहाड़, सड़क हादसे में ममेरे भाई की मौत
- एमए अंग्रेजी में फेल हुए छात्रों की मांग पर HPU ने गठित की कमेटी
- चुनावी माहौल के बीच ऊना में कार से बरामद हुई नकली करेंसी
- हिमाचल के बेटे ने एशियन गेम्स मेडलिस्ट को दी मात, गोल्ड वाले से बेहतर प्रदर्शन