सोलन : मुख्यालय के क्षेत्रीय अस्पताल में केंद्र सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जननी सुरक्षा योजना मजाक बनकर रह गई है। गर्भवती महिलाओं के संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई रही योजना अस्पताल में गायनी विशेषज्ञ की कमी से हांफ रही है। आपात स्थिति में जहां गर्भवती महिलाओं को केएनएच शिमला और एमएमयू कुमारहट्टी अस्पताल रैफर किया जा रहा है, वहीं व्यवस्थागत खामियों के कारण प्रसव पीड़ा से गुजरने वाली महिलाओं को समय पर एम्बुलेंस तक नहीं मिल पाती। ऐसी व्यवस्था के चलते प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है।
मामला रविवार सुबह का है, जब बीती रात को सोलन अस्पताल में डिलीवरी करवाने आई एक महिला को डॉक्टर न होने से रविवार सुबह 5 बजे केएनएच शिमला रैफर किया गया। हैरानी की बात तो यह है कि प्रसव पीड़ा की स्थिति में महिला को अस्पताल प्रशासन एम्बुलेंस सुविधा तक नहीं दे पाई। स्थानीय निवासी प्रभा शर्मा ने बताया कि वह क्षेत्रीय अस्पताल होने के नाते बेटी की डिलीवरी करवाने आए थे, लेकिन व्यवस्थागत खामियों और डॉक्टर की कमी के चलते उसकी जान खतरे में पड़ गई। हालांकि केएनएच शिमला पहुंचने के बाद बेटी की नार्मल डिलीवरी हुई।
Latest
- घर में फंदे पर झूलता मिला 32 वर्षीय युवक का शव
- विक्रमादित्य सिंह के परिवार ने स्कूटरों पर बेचे थे सेब, आज खुद है जमानत पर
- दर्जी के पास ही पड़ा रहेगा जयराम का नया काला कोट, दिन में सपने देखना छोड़ें : सीएम
- विवि के क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला में निकाली मतदाता जागरूकता रैली
- डीसी-11 व एसपी-11 के मध्य खेला गया 15 ओवर का मैच, SP-11 ने मारी बाजी