शिमला: फर्जी डिग्री प्रकरण में फंसे सोलन की मानव भारती यूनिवर्सिटी के कारनामे से हरियाणा की एक महिला की रोज़गार अधिकारी की सरकारी नौकरी छिन गई। चार साल बाद महिला को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। महिला के मुताबिक उसने सोलन की प्राइवेट यूनिवर्सिटी से एमए साइकोलाजी में दाख़िला लिया, जिसकी एवज में उसने 50 हजार रूपये की फीस चुकाई। एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्राइवेट यूनिवर्सिटी ने उसे डिग्री दी। जिसके बाद उसे हरियाणा में रोज़गार अधिकारी की सरकारी नौकरी लग गई। संबंधित विभाग व यहां तक कि हिमाचल शिक्षा नियामक आयोग ने उसकी डिग्री की जांच करवाई, जिस पर मानव भारती यूनिवर्सिटी ने दो बार उसकी डिग्री को सत्यापित किया। इसके बाद इस यूनिवर्सिटी ने उसके एक रिश्तेदार के साथ सांठगांठ की तथा उसकी डिग्री को फर्जी करार दिया गया है।
यूनिवर्सिटी ने उसके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाई, जिससे उसे रोज़गार अधिकारी से निलंबित कर दिया गया है। यह आरोप हरियाणा की महिला ममता ने लगाए हैं, जिसकी शिकायत पर हिमाचल पुलिस ने मानव भारती यूनिवर्सिटी के विरूद्ध फर्जी डिग्रियां बेचने का केस दर्ज किया है। सोलन पुलिस की एसआईटी ने इस प्राइवेट यूनिवर्सिटी के तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
ममता ने रविवार को शिमला में प्रेस वार्ता में कहा कि उसने वर्ष 2009 में 50 हजार रूपये फीस देकर मानव भारत यूनिवर्सिटी में एमए मनोविज्ञान में दाख़िला लिया। यूनिवर्सिटी के करनाल स्थित स्टडी सेंटर में इसकी कक्षाएं लगीं। 2011 में एमए उतीर्ण हुई और यूनिवर्सिटी ने उसे डिग्री दे दी। साल 2014 में उसका हरियाणा में रोज़गार अधिकारी के पद पर चयन हुआ। विभाग द्वारा उसकी डिग्री की जांच करवाई गई, जिसे यूनिवर्सिटी ने सही सत्यापित किया। यही नहीं हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने भी गोपनीय पत्र लिखकर डिग्री की जांच करवाई, जिसे एक बार फिर निजी विवि ने सत्यापित किया।
ममता ने आरोप लगाया कि वर्ष 2018 में मानव भारती यूनिवर्सिटी ने उसके एक रिश्तेदार के साथ सांठंगांठ कर उसकी डिग्री के फर्जी होने की शिकायत पुलिस व हरियाणा में रोजगार विभाग को दी। जबकि इससे पहले यूनिवर्सिटी दो बार उसकी डिग्री को सत्यापित कर चुका था। निजी विवि की तहरीर पर उसके खिलाफ पंचकुला थाने में एफ़आईआर दर्ज हुई। इस पर हरियाणा सरकार ने उसके विरूद्व कार्रवाई करते हुए चार साल के सेवाकाल के बाद उसको रोज़गार अधिकारी के पद से निलंबित कर दिया गया। लेकिन हरियाणा पुलिस ने अब उसके खिलाफ एफ़आईआर को रदद करने की सिफारिश की है।
ममता ने कहा कि इस सारे मामले को उसने एमडीयू रोहतक के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष चैधरी संपूर्ण सिंह के साथ मिलकर हिमाचल पुलिस महानिदेशक एसआर मरड़ी से उठाया तथा उन्होंने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने रातों रात निजी विवि में रेड कर लगभग 1375 खाली डिगियां व बिना जांची उत्तर पुस्तकें बरामद की हैं।
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