नाहन: एक अरसे से शहर के तकरीबन हरेक हिस्से को खोदा गया है। संकीर्ण सड़कों व रास्तों की खुदाई शहरवासियों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। हालांकि शहरवासी खामोशी से परेशानी को झेल लेते हैं, लेकिन इस मामले में एक कदम आगे बढ़कर इस कारण समझौता करना पड़ रहा है, क्योंकि बात पानी की है।
बहरहाल करीब एक सप्ताह से शहर की सड़कों के जख्म भरने का कार्य मालरोड़ से शुरू हुआ। उम्मीद थी कि शहर की बागडोर तेजतर्रार नेता डॉ. राजीव बिंदल के हाथ में है, लिहाजा परेशानी झेलने के बाद अच्छे दिन आएंगे। लेकिन साफ नजर आ रहा है कि लीपापोती हो रही है। इंटर लॉकिंग टाइल्स को उखाड़ा गया था। अब इसे ही वापस लगाया जा रहा है। सड़क के दोनों हिस्सों में अंतर आ गया है। दोबारा बिछाई जा रही इंटर लॉकिंग टाइलों की ऊंचाई बढ़ गई है। कई जगहों पर गड्ढे भी नजर आने लगे हैं।
एसपी आवास के समीप तो स्थिति बेहद ही खराब हो गई है। लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि सड़क को ठीक करने के लिए टाइलों को दोबारा बिछा दिया गया है या फिर कार्य बाकी है। महिमा पुस्तकालय से शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तक तारकोल की सड़क के तोड़े गए हिस्से पर तारकोल बिछाया जा रहा है। कमाल की बात यह है कि इस कार्य के लिए नगर परिषद को कई सप्ताह लग गए हैं। उल्लेखनीय है कि सबसे पहले गुन्नुघाट के इलाके में पोस्टऑफिस के सामने खुदाई की गई थी। इसके बाद महिमा पुस्तकालय के समीप से खुदाई का कार्य शुरू हुआ।
चूंकि शहर की रिंग रोड़ की मरम्मत की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की है। साथ ही अंदरूनी सड़कों के रखरखाव का जिम्मा नगर परिषद का है, लिहाजा शहरवासी चाहते हैं कि नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी व लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता पैदल चलकर कच्चा टैंक से मालरोड के अलावा शहर के अंदरूनी सड़कों पर देखें। तब इस बात की पोल खुलेगी कैसे लीपापोती हो रही है। शहर की सड़कों पर बच्चों व बुजुर्गों का चलना तो अब खतरे से खाली नहीं है।