नाहन : रविवार को समूचे देश में महिला दिवस की धूम है, इसी बीच शहर के पीजी कॉलेज की छात्राएं ऐतिहासिक चौहान मैदान के आंसू पोंछती नजर आई। दरअसल मैदान अपनी मौजूदा दुर्दशा की वजह से सिसक रहा है, पिछले कई सप्ताह से मैदान की हालत खस्ता होती जा रही है। हर कोई इस पर सवाल उठा रहा है। रविवार सुबह आसपास से गुजर रहे लोगों की नजरें मैदान में ठिठक गई, वह यह जानने को बेताब हो गए कि मैदान के कीचड़ को साफ करने में लगी यह लड़कियां कौन है। बाद में इस बात का खुलासा हुआ है कि वह झाड़ू लेकर इसलिए मैदान में आई, ताकि मैदान की सफाई की जा सके।
दिलचस्प बात यह है कि शहर में कई संस्थाएं हैं, लेकिन मैदान की हालत कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यह भी जानकारी मिली है कि सोमवार को पीजी कॉलेज का चौगान मैदान में स्पोर्ट्स से जुड़ा कार्यक्रम तय हुआ है। लिहाजा कॉलेज छात्राओं ने ही मैदान को दुरुस्त करने का बीड़ा उठा लिया। उल्लेखनीय है कि चौगान मैदान के भीतर से ही पेयजल पाइप हो दबाया गया है, इसमें लीकेज व मरम्मत की गुंजाइश बनी रहेगी। हालांकि स्कीम शुरू नहीं हुई है।
खुदाई की वजह से मैदान में मिट्टी के ढेर लगे है, दूसरी तरफ ओपन एयर जिम का निर्माण किया जा रहा है। इस कारण भी सामग्री इधर-उधर पड़ी हुई है। मैदान को समतल करने की कोशिश नहीं हुई है। फुटबॉल के खिलाड़ी पहले ही अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। एक वक्त था जब इस मैदान में फुटबॉल के मैच का जबरदस्त क्रेज हुआ करता था। आने वाली पीढ़ियां भी इस मैदान में अक्सर फुटबॉल खेलती नजर आती थी। कुल मिलाकर पीजी कॉलेज की छात्राओं ने इस बात का सकारात्मक संदेश दिया है कि मैदान को ठीक करने की जिम्मेदारी किसी और पर डालने की बजाय खुद ही इसका बीड़ा उठा लिया जाए।
अहम बात यह भी है कि चौगान की मौजूदा दुर्दशा की वजह से लगभग 200 युवा भी प्रभावित हो रहे हैं, जिन्हें सेना भर्ती के लिए ग्राउंड की प्रैक्टिस करनी है।
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