राजगढ़ : नगर पंचायत की बैठक शुक्रवार को अध्यक्ष सतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें 14 वर्षों के अतंराल के उपरांत स्थाई तौर पर विभागीय सचिव का पद भरे जाने के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया गया। अध्यक्ष ने कहा कि विभागीय सचिव न होने के कारण नगर पंचायत के विकास कार्य काफी प्रभावित हो रहे थे। बता दें कि वर्ष 1984 में नगर पंचायत के अस्तित्व में आने के उपरांत केवल तीन विभागीय सचिव स्थाई तौर पर कुछ वर्षों तक कार्यरत रहे। जिसमें 1999 से 2000 तक सतीश ठाकुर, 2000 से 2001 तक केएल ठाकुर और 2004 से 2006 तक सूरत नेगी इस नगर पंचायत में विभागीय सचिव रहे हैं।
35 वर्षो के लंबे अंतराल में केवल चार वर्षों तक स्थाई सचिव रहे और शेष करीब तीस वर्षों तक सचिव का चार्ज एसडीएम अथवा तहसीलदार के पास रहा है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का शहर के विकास में काफी योगदान रहा है। परंतु प्रशासनिक अधिकारी सरकारी व्यस्तताओं के कारण पूर्ण समय नगर पंचायत को नहीं दे पाते थे, जिससे शहर का विकास सही परिप्रेक्ष्य में नहीं हो पाता था। इससे पहले नपं कर्मचारियों को फाईलों पर साइन करवाने के लिए तहसील कार्यालय जाना पड़ता था जिससे उनका पूरा दिन खराब हो जाता था। नपं के सभी पार्षदों ने उम्मीद जताई की विभागीय सचिव होने से शहर के विकास को नई दिशा मिलेगी तथा नागरिक सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी।
नवनियुक्त सचिव अजय गर्ग ने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वह शहर के समग्र विकास के लिए अपना रचनात्मक सहयोग दें। उन्होने कहा कि सभी सदस्य अपने-अपने वार्ड में स्वच्छता बनाए रखने के लिए लोगों को जागरूक करें ताकि भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिश्न कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके। बैठक में पार्षद अशोक सूद, मीरा तोमर, नरेन्द्र नेगी, दया देवी, संतोष देवी, कुलभूषण सूद, कनिष्ठ अभियंता घनश्याम शर्मा, लेखाकार विद्या देवी सहित अन्य कर्मचारियों उपस्थित रहे।
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