घुमारवीं : बेसहारा पशुओं की संख्या लगातार इतनी बढ़ चुकी है कि लोगों की फसलें तबाह कर दी गई है। अब हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि पर किसानों ने फसल बीजना ही बंद कर दिया है। गौरतलब है कि शहरों से चार-पांच किमी दूर जाकर अब यह पशु लोगों की गेहूँ की फसल को तबाह कर रहे हैं। दिन- प्रतिदिन बढ रही इनकी संख्या से किसान व बागवान तो परेशान हैं ही, लेकिन सड़को पर चलने वाले वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यह बेसहारा पशु मेन सड़क पर अचानक निकल आते हैं तो कभी तेज रफ्तार वाहनों से इनकी टक्कर हो जाती है। क्षेत्र के हर चौराहे पर यह आवारा पशु देखे जा सकते हैं। फसलों के इस तरह से बर्बाद होने के बाद किसान वर्ग ने फसलों की बिजाई करना बंद कर दिया है, जिस कारण हजारों बीघा उपजाऊ भूमि बंजर पड़ रही है। एक तरफ तो सरकार किसानों की आर्थिकी सुधारने और दुगनी आय करने में लगी है।
मगर जिस तरह से हिमाचल प्रदेश के निचले जिलों में बेसहारा पशुओं और बंदरों का प्रकोप देखा जा रहा है इससे तो प्रतीत हो रहा है कि कहीं इस समस्या के कारण किसान वर्ग हताश होकर खेती करना ही ना छोड़ दे।
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