हमीरपुर : आज कल जहां लोगों का खेतीबाड़ी से मोह भंग हो रहा है, वहीं कुछ गांवों के लोग कृषि से भी अच्छी खासी कमाई कर रहे है। हमीरपुर जिला के ज्यादातर इलाकों को देखें तो आवारा पशुओं की मार व वानरों द्वारा किए जा रहे नुकसान के कारण आधे से ज्यादा किसानों ने खेत बीजने छोड़ दिए हैं। बताते चलें कि सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था न होने व बानरों तथा आवारा पशुओं के उत्पात के कारण बहुत से किसान खेती से तौबा कर चुके हैं। लेकिन ब्राहलडी पँचायत के टिक्कर गांव के लोग गन्ने की खेती कर हज़ारों से लाखों रुपये कमा रहे हैं।
गांव में लगभग 50 के करीब घर हैं लगभग सभी ने गन्ने की खेती कर रखी है। मार्च महीना शुरू होते ही गन्ना खेतों से कटना शुरू हो जाएगा। गन्ने से शक्कर बनाने के लिए गांव में ही दो जगह बेलने लगे हुए हैं। देसी शक्कर की डिमांड इतनी ज्यादा है कि उसे खरीदार स्पॉट से ही 90 से 100 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीद कर ले जाते हैं। किसानों में हरिमन, देशराज ,बलवंत, राम लाल, पोलू, गायत्री देवी, कौशल्या देवी, कांता व रोशन लाल आदि का कहना है कि गन्ने की फसल में मेहनत तो ज्यादा है, लेकिन हमें मेहनत का फल भी मिल रहा है। ब्राहलडी पँचायत के लोग अन्य किसानों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं। अगर मेहनत करने का जज्बा व धैर्य हो तो मिट्टी से भी सोना उगाया जा सकता है।
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