पालमपुर : 13 साल की अलाईका अवस्थी ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार हासिल कर प्रदेश का मान बढ़ाया है। साथ ही यह भी साबित किया है कि अगर हिम्मत न टूटे तो अनमोल जीवन की रक्षा नन्हें सिपाही भी कर सकते हैं। हाल ही में अलाईका अवस्थी ने देश के राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार ग्रहण किया है। दरअसल, घटना एक सितंबर 2018 की है। वो अपनी मां सविता व दादा केके अवस्थी के साथ कार में सफर कर रही थी। इसी दौरान रास्ते में कार हादसे का शिकार हो गई। नन्हीें बच्ची के सामने मां, दादा के अलावा चालक बुरी तरह जख्मी थे। छोटी बच्ची न तो विचलित हुई, न ही घबराई। उसने फौरन खुद को खाई से निकाला, ताकि वो मदद हासिल कर सके।
कार पेड़ से भी टकराई थी। 13 साल की अलाईका मदद को ढूंढने में कामयाब रही। खुद भी चोटिल होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी। चोटिल होने के बावजूद वो कार से तीनों को निकालने की कोशिश करती रही, लेकिन सफल नहीं हो पा रही थी। इसी के बाद उसने खाई से बाहर निकलने का फैसला लिया था।
गौरतलब है कि गत वर्ष वीरता पुरस्कार प्रदान नहीं किए गए थे। इसकी एक वजह यह थी कि सम्मान प्रदान करने वाली परिषद में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जांच चली थी। दीगर है कि चंद वर्ष पहले सरकाघाट क्षेत्र के रहने वाले प्रफुल्ल शर्मा ने भी बाल वीरता पुरस्कार हासिल किया था।