नाहन (एमबीएम न्यूज): विष्णु भगवान के अंश अवतार भगवान परशुराम जी की जन्मस्थली श्री रेणुका जी में अंधकार फैला हुआ है। यहां पर स्ट्रीट लाइटस तो लगी हुई हैं, लेकिन इसे ऑन नहीं किया जाता है। कुछ देर पहले की तस्वीरों को पाठकों ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को पोस्ट किया है। इससे रेणुका विकास बोर्ड की पोल खुलती नजर आती है। हिमाचल की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील भी श्री रेणुका जी ही है। मंदिर के साथ ही टूरिज्म का होटल होने के साथ-साथ वन्यप्राणी विभाग का विश्रामगृह भी है।
अंधकार की वजह से किसी अनहोनी घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। हैरानी इस बात पर भी है कि लोक निर्माण विभाग के संसदीय सचिव का यह गृह निर्वाचन क्षेत्र है। बावजूद इसके भगवान की जन्मस्थली को रोशनी नहीं मिल रही। हाल ही में यहां स्थित परशुराम तालाब में भारी मात्रा में मछलियां इस कारण मर गई थी क्योंकि जोरदार धमाके से बिजली का पोल ताल में जा गिरा था। इस मामले को भी रफा-दफा कर दिया गया। यहां तक की मछलियों का पोस्टमार्टम तक नहीं करवाया गया।
कुल मिलाकर यह तय है कि भगवान श्री परशुराम जी की जन्मस्थली को रोशनी के रंग में रगने में न ही कोताही बरती जानी चाहिए और न ही बिजली के बिल की कंजूसी। सनद रहे कि अगले माह आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले के लिए बड़ी-बड़ी बैठकें हो रही हैं, लेकिन बोर्ड की बैठक में यह बात कोई नहीं उठाता कि अंधकार को दूर किया जाना चाहिए।