शिमला : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एचआरटीसी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद भुगतान में देरी पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने इस मामले में एचआरटीसी प्रबंधन को लताड़ भी लगाई है। कोर्ट ने प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि सेवानिवृत्ति के तीन माह के भीतर परिलाभों का भुगतान कर दिया जाये। न्यायाधीश अनूप चितकारा ने आदेश पारित करते हुए कहा कि वह सेवानिवृति कर्मियों के सभी लंबित मामलों को अतिशीघ्र निपटाएं और सेवानिवृति के तीन माह के भीतर सभी की बकाया राशि का भुगतान करें।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सेवानिवृति लाभों का भुगतान करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि सेवानिवृत कर्मी के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक जांच व अन्य मामला लंबित न हो। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए कि आदेशों की अनुपालना में चूक होती है, तो सम्बंधित अधिकारी व कर्मचारी को प्रतिदिन 100 रुपये की दर से मुआवजे का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि एचआरटीसी के सेवानिवृत्त कर्मियों के प्रति प्रबंधन का रवैया दयनीय, अपमानजनक व असंवेदनशील है, क्योंकि अपने पूरे जीवन के दौरान निष्ठा से काम करने के बाद भी उन्हें अपने सेवानिवृति लाभों की रिहाई के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अनूप चितकारा ने एचआरटीसी के सेवानिवृत्त कर्मचारी रणजीत सिंह की याचिका पर सुनवाई पर दिए है।