पांवटा साहिब : कुदरत की माया भी गजब है, एक ही पल दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है तो दूसरे पल दामन में खुशियां भर जाती हैं। यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुदरत ने पांवटा घाटी के कोटडी व्यास गांव के रहने वाले एक शिक्षक के जीवन में चमत्कार कर दिखाया है। यहां प्राथमिक स्कूल के शिक्षक गोपाल चंद की अचानक 19 साल बाद आवाज लौट आई है। हालांकि सालों से गोपाल चंद का इलाज चलता रहा, चिकित्सक यह कहते रहे कि आवाज लौट आएगी लेकिन अब वह थक चुका था।
हालांकि शिक्षक की आवाज चंद माह पहले अचानक ही लौट आई थी। लेकिन मीडिया को इस अनोखी कुदरत की माया की भनक मंगलवार को ही लग पाई। मीडिया जब गोपाल चंद से स्कूल में मुखातिब हुआ तो उनके चेहरे की खुशी अपने आप ही सब कुछ बयां कर रही थी। जानकारी के मुताबिक कुदरत की यह सौगात शिक्षक गोपाल चंद को अपनी रिटायरमेंट से चंद महीने पहले ही मिली है। सेवाएं देने के दौरान शिक्षक के साथ कुछ ऐसा घटित हुआ कि बोलना बंद हो गया।
लिहाजा कक्षा में छात्रों को इशारे कर पढ़ाने पर विवश हो गए थे। उनका कहना था कि अब इस मुकाम पर पहुंच कर उन्होंने इस बात की उम्मीद ही छोड़ दी थी कि वह कभी कुछ बोल पाएंगे। उन्होंने कहा कि लगातार इलाज चलता रहा, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर एक दिन ऐसा हुआ कि अचानक ही बोलने लगे। पूरे क्षेत्र में कुदरत के इस चमत्कार की चर्चा हो रही है।
बीमारी से चली गई थी आवाज
शिक्षक ने बताया कि वह बचपन से अन्य लोगों की तरह बिल्कुल ठीक थे। व्यस्क हुए तो मेहनत के बल पर शिक्षक की नौकरी मिली। अचानक बीमार हुए तो आवाज ही चली गई लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। बीमारी से लड़ते हुए बच्चों को पढ़ाना भी नहीं छोड़ा। वह बच्चों को कॉपी व ब्लैकबोर्ड पर लिखकर पढ़ाने लगे। जुबान जाने के बाद भी उनके बच्चों का रिजल्ट नहीं गिरा। उनकी कक्षा का 80 से 90 प्रतिशत तक रिजल्ट रहा। अब बच्चे भी उनके इशारों को भलिभांति समझने लगे हैं। लगातार 19 सालों तक बच्चों को इशारों से पढ़ाने के बाद अचानक शिक्षक के जीवन में आवाज लौटकर खुशियों ने दस्तक दी है।