संगड़ाह : चंद सप्ताह पहले ही खबर आई थी कि हरिपुरधार-नौहराधार मार्ग पर बर्फबारी की वजह से रास्ता अवरुद्ध होने पर 108 एंबुलेंस कर्मियों ने ही कड़कती ठंड में सड़क किनारे एंबुलेंस में ही महिला की डिलीवरी करवा दी। लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग को एक शर्मनाक घटना में जांच करवानी पड़ेगी। संगड़ाह अस्पताल की सीढ़ियों पर ही डिलीवरी की घटना पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच के संकेत दिए हैं। हालांकि यह भी स्पष्ट है कि जांच में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने वाली। मगर सवाल इस बात पर जरूर उठता है कि जब 108 एंबुलेंस कर्मी कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी नॉर्मल डिलीवरी करवाने में सफल रहते हैं तो अस्पताल में क्यों डिलीवरी करवाने की कोशिश नहीं हुई। केस को रैफर कर दिया गया, लेकिन डिलीवरी खुले आसमान के नीचे अस्पताल परिसर में ही हो गई। यानि कोशिश की जाती तो विभाग को आज शर्मशार न होना पड़ता।
इस घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के के पराशर ने कहा कि सोमवार को नियमित जांच के आदेश जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले बीएमओ के स्तर पर जांच करवाई जाएगी। अगर जरूरत पड़ती है तो दूसरे चरण में भी फीडबैक लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि सरकार एक लंबे अरसे से स्वास्थ्य संस्थानों में ही प्रसूति करवाने को लेकर जागरूकता अभियान छेड़े हुए हैं। इसको लेकर कई योजनाएं भी चल रही हैं, लेकिन इस घटना ने हर किसी को ही हैरान कर रखा है। रविवार को महिला के परिजन भी सामने आए, जिन्होंने खुलकर स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। साथ ही उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की है।
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