राजगढ़: उपमंडल के कोटला बागी क्षेत्र के कुफ्टा गांव में दयाराम पुत्र ज्ञान सिंह के घर पर पहली बार प्रसव पीड़ा का सामना कर रही गाय की हालत नाजुक हो रही थी। स्थानीय भाषा के मुताबिक कई घंटें बिताने के बाद भी वो ब्याही नहीं जा रही थी, यानि प्रसव नहीं हो पा रहा था।
मालिक दयाराम के चेहरे पर चिंता की लकीरें बढ़ती ही जा रही थी। तत्काल ही पशु औषधीय संयोजक राकेश ठाकुर से संपर्क किया गया। जिनके प्रयास के बावजूद बच्चा गर्भ से बाहर नहीं आ पाया। फिर इसकी जानकारी पशु अस्पताल धामला में कार्यरत डॉ. मनोज कौशिक को दी गई। डॉ. कौशिक ने मौके पर पहुंचकर शल्य चिकित्सा करने का फैसला लिया। रात 11 बजे टॉर्च के सहारे कड़कती ठंड में शल्य चिकित्सा शुरू की गई।
करीब 3 घंटे बाद रात 2 बजे इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। हालांकि यह शल्य चिकित्सा एक जनवरी की रात की गई थी, लेकिन चिकित्सक गाय के स्वस्थ होने का इंतजार कर रहे थे। सोमवार को वो पल भी आ गए, जिसका इंतजार था। अंततः गाय को आज स्वस्थ घोषित कर दिया गया। करीब 5 दिन तक गाय को चिकित्सक व टीम ने अपनी निगरानी में रखा था। दयाराम का कहना है कि गाय की स्थिति सामान्य हो गई है। उन्होंने गाय को नवजीवन देने के लिए पशु चिकित्सा विभाग की टीम का आभार जताया है।