शिमला : वैसे तो वर्तमान की राज्य सरकार स्वास्थ्य से संबंधित बड़े-बड़े दावे करती हैं। परंतु जब बात हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी की हो तो सभी दावे यहां पर फेल होते नजर आते हैं। विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक सचिन का कहना है कि एक तरफ तो केंद्र व राज्य की सरकारें स्वास्थ्य संबंधित बड़ी-बड़ी योजनाएं लागू करती हैं। वहीं दूसरी ओर जब बात हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आईजीएमसी अस्पताल की हो तो यहां आज भी मरीजों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
मरीजों को आपातकालीन स्थिति में भी लाया जाए तो उन्हें ले जाने के लिए स्ट्रेचर की हालत बहुत ही खराब है। किसी मरीज को गंभीर चोट आई हों तो स्ट्रेचर में न तो पहिए ठीक हैं और न ही वो पूर्णतः चलने में सक्षम हैं। एक तरफ तो राज्य सरकार अपने दो वर्ष के कार्यकाल का जश्न मनाने की तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी ओर आईजीएमसी में स्ट्रेचर और व्हील चेयर न तो पूर्णतः मरीजों के लिए पर्याप्त हैं और न ही उनकी हालत ठीक है।
विद्यार्थी परिषद सरकार से माँग करती है कि आईजीएमसी में स्ट्रेचर की संख्या बढ़ाई जाए।