शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने विकलांग विद्यार्थियों को एमफिल और पीएचडी में हर विषय में एक अतिरिक्त सीट रिजर्व करने का ऐतिहासिक फैसला किया है। उत्तर भारत के किसी विश्वविद्यालय में ऐसा पहली बार किया गया है। विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद (ईसी) की सोमवार को हुई बैठक में कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार कहा कि विकलांग वर्ग को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए विश्वविद्यालय में कुछ अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं।
विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद के सदस्य और विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया इस मामले पर विचार करने के लिए 23 नवंबर को उनकी मांग पर कार्यकारिणी परिषद ने एक समिति बनाई थी। इसमें उन्हें एवं प्रो. नागेश ठाकुर और प्रो. अरविंद कुमार भट्ट को शामिल किया गया था और कुलसचिव समिति के अध्यक्ष थे। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एमफिल और पीएचडी में हर विभाग में विकलांग विद्यार्थियों को एक अतिरिक्त सीट दी जा सकती है। इसका किसी दूसरे आरक्षित वर्ग की सीटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
ईसी में फैसला किया गया कि इस वर्ग के विद्यार्थी को एक अतिरिक्त सीट देने पर विभाग के किसी एक शिक्षक को भी उसके शोधार्थीयों के कोटे में एक सीट अतिरिक्त जुड़ जाएगी। प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि विकलांग विद्यार्थियों के लिए यह कदम उठाने वाला हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय उत्तर भारत का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। उन्होंने इसके लिए कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार और ईसी के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया।