घुमारवीं : नेहा मानव सोसायटी एक बड़ी संस्था के रूप कार्य कर रही है। जिसका मुख्य उद्देश्य गरीब व असहाय लोगों को आर्थिक मदद देना है। बिलासपुर का चाहे करयालग हादसा हो या कोई पीड़ित परिवार हो हमेशा इस संस्था ने मदद के लिए हाथ आगे बढाया है। सैंकड़ों लोगों को आर्थिक मदद दी जा रही है। आपको बताते चलें कि नेहा मानव सोसायटी के सैंकड़ों सदस्य हैं, जो अपना योगदान दे रहे हैं। सोसायटी के फाउंडर कि हिम्मत की दाद तो देनी पडेगी।
जिन्होंने इस मानव संस्था को खड़ा किया और इस मुकाम तक ले आए। इस संस्था को घुमारवीं के एक समाजसेवी पवन बरूर ने चलाया और लोगों का सहयोग भी मिला। बता दें कि पवन बरूर ने यह संस्था अपनी बेटी नेहा के नाम पर चलाई है। जिसकी हरियाणा में एक कार हादसे में मौत हो गई है। यह बेटी हॉस्टल में अपनी सहेली के साथ रहती थी। लेकिन घर से कॉल आया कि सहेली के घर में कोई बड़ा हादसा हो गया है।
बेटी को पिता के संस्कार मिले थे। इसलिए वह भी मदद से पीछे नहीं रहती थी। रात को सहेली का साथ देने के लिए वह साथ में चल दी। लेकिन क्या पता था कि मदद करने वाली नेहा इस कदर दुनिया छोड़ जाएगी। सहेली के साथ जाते ही नेहा की हादसे में मौके पर ही मौत हो गई। आखिर पिता कब तक मायूस रहते। लिहाजा बेटी को दिल में जिंदा रखने के लिए पिता पवन बरूर ने मानव सोसायटी को चलाया। आज एक बड़ा काम और कर दिया। इसी संस्था के नाम पर नेकी की दुकान का शुभारंभ कर दिया। जिसमें लोगों से नए और पुराने कपड़े व जरूरत की चीजें देने की अपील की गई, ताकि गरीब लोगों को यह मदद पहुंचाई जा सके। लोगों से इसमें अपना सहयोग देने की मांग की है। ताकि आपके कुछ दान से लोगों का भला हो सके।