बिलासपुर: कॉलेज भवन की तीसरी मंजिल की रेलिंग से कूदी बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा रो रही थी। मैंने उससे बात करने की कोशिश भी की। इसी बीच मैं अपने दोस्तों से बात करने में व्यस्त हो गया। वो अपने मोबाइल को साइड में रखकर अचानक ही रोते-रोते रेलिंग से कूद गई। यह खुलासा, घटना के चश्मदीद छात्र निखिल ने किया है। लिहाजा, उस सस्पेंस से भी पर्दा उठ गया है, जिसमें कहा जा रहा था कि छात्रा को धक्का दिया गया था।
छात्रा के परिजन सदमे में हैं। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि सुबह घर से नाश्ता करने के बाद ख़ुशी-ख़ुशी कॉलेज गई थी। चूंकि छात्रा बयान देने की हालत में नहीं है, लिहाजा कारणों का खुलासा नहीं हो रहा। निखिल का यह भी कहना है कि वो दौड़कर नीचे पहुंचा तो छात्रों की भीड़ जुटी हुई थी। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ है। इसी बीच कॉलेज की तीसरी मंजिल पर सुरक्षा की दृष्टि से सीसी कैमरों की भी मांग उठने लगी है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि अगर रेलिंग पर जाली लगी होती तो घटना टल भी सकती थी।
कॉलेज के प्रधानाचार्य राम किशन का कहना था कि उन्हें खुद समझ नहीं आ रहा है कि आखिर क्या वजह थी। कॉलेज परिसर में सोमवार को घटी इस घटना से हर कोई स्तब्ध है। साथ ही छात्रा की सलामती को लेकर दुआएं मांगी जा रही हैं। हर कोई यही प्रार्थना कर रहा है कि जल्द ही सकुशल होकर पीजीआई से लौट आए। अगर मीडिया रिपोर्टस की मानें तो हिमाचल हाईकोर्ट ने यह भी व्यवस्था की है कि आत्महत्या की कोशिश करने वाले के खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं होगा, क्योंकि इस तरह का प्रयास करने वाला तनाव में हो सकता है।
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उधर देर शाम घटना को लेकर एक नया पहलू भी सामने आया है। हालांकि असल बात छात्रा के बयान के बाद ही सामने आएगी, लेकिन बताया जा रहा है कि कॉलेज के लेक्चरर ने उसे क्लास में डांटा था। साथ ही कक्षा से बाहर भी निकाला गया था। संभवतः इसी कारण तनाव में आकर छलांग लगाने का मन बना लिया।