शिमला : कोटखाई का बहुचर्चित गुड़िया मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। गुड़िया की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या की जघन्य वारदात की एक बार फिर जांच की मांग उठने लगी है। इस प्रकरण की जांच करने वाली सीबीआई की जांच पर अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं। दो साल पहले घटित इस निर्मम हत्याकांड के बाद सदमे में जी रहे गुड़िया के परिजनों ने गुरूवार को राजधानी में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात कर मामले की दोबारा जांच करने की मांग उठाई।
गुड़िया के परिजनों ने इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से जांच कमेटी गठित करने का राज्य सरकार से आग्रह किया। यह भी कहा गया कि अगर यह संभव नहीं है, तो जज के नेतृत्व में कोई कमेटी बनाकर मामले की जांच करवाई जाए। गुड़िया न्याय मंच के पदाधिकारियों के साथ गुड़िया की मां ने सिसकते स्वरों में मुख्यमंत्री से कहा कि गुड़िया अभी भी न्याय के लिए तरस रही है। सीबीआई की जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता। यह जांच विरोधाभास खड़ा कर रही है।
सीबीआई एक तरफ एक चिरानी को फाॅरेंसिक लैब के तथ्यों के आधार पर गिरफतार किया गया है। लेकिन दूसरी तरफ गुजरात फाॅरेंसिक लैब के विशेषज्ञ अदालत में बयान दे रहे हैं कि गुडिया के साथ दरिंदगी करने वाले एक से अधिक थे। मुख्यमंत्री के समक्ष गुड़िया की मां बोली कि अब सीबीआई की जांच और गिरफ्तारी पर भी विश्वास नहीं हो रहा है। आखिर गुडिया को न्याय कब मिलेगा। पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठाने के लिए दोबारा से इस मामले की जांच करवाई जाए। सनद रहे कि 6 जुलाई 2017 को कोटखाई के महासू स्कूल की दसवीं की छात्रा का शव साथ में लगते दांदी जंगल में बरामद किया गया था। छात्रा दो दिन पहले स्कूल से रहस्यमयी हालात में गायब हो गई थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने की पुष्टि हुई थी। इस मामले में आरंभिक जांच स्थानीय पुलिस ने की थी और बाद में इसकी जांच विशेष जांच दल को सौंपी गई थी। विशेष जांच दल ने इस मामले में एक नेपाली सूरज सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी सूरज की 18 जुलाई 2017 को कोटखाई थाना के लाॅकअप में हत्या कर दी गई। इस मामले को लेकर जमकर बबाल हुआ और लोग सड़कों पर उतर गए।
प्रदर्शनकारियों ने कोटखाई थाने को आग के हवाले कर दिया था। प्रदेश हाईकोर्ट ने गुडिया व सूरज हत्या मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए। सीबीआई ने एक आरोपित अनिल कुमार को गिरफतार कर गुड़िया मामले को सुलझाने का दावा किया है। अनिल कुमार को सीबीआई ने अप्रैल 2018 को गिरफतार किया था। सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि अनिल कुमार ने ही रेप के पश्चात गुड़िया की बर्बरता से हत्या की थी।
गौर करने वाली बात यह है कि बीते दिनों गुजरात के गांधीनगर की फाॅरेंसिक प्रयोगशाला के दो विशेषज्ञों ने चंडीगढ में सीबीआई की अदालत में हल्फनामा देते हुए कहा कि गुड़िया हत्या व दुष्कर्म मामले में एक से अधिक अपराधियों की संलिप्तता हो सकती है। विशेषज्ञों के इस हल्फनामे ने सीबीआई की पूरी जांच प्रक्रिया को कठघड़े में खड़ा कर दिया है।
Latest
- नाहन : तबीयत बिगड़ने से श्री रेणुका जी के 28 वर्षीय युवक की मौत
- कंगना को केंद्रीय मंत्री बनने की चाह, बोली…. छोड़ सकती हूं इंडस्ट्री !
- हिमाचल के भाजपा नेता कंगना रनौत को चुनाव जीताना समझते हैं अपना फर्ज
- 15 व 16 जून को HPU में होगा एल्युमिनी कार्यक्रम, CM होंगे चीफ गेस्ट
- मनाली-लेह राजमार्ग NH-03 आवाजाही के लिए बहाल, बारालाचा दर्रा मार्ग बर्फ के कारण अभी भी वन-वे