शिमला : प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सुगबुगाहट तेज हो चुकी है। दो रिक्त पदों पर नए चेहरों की तैनाती को लेकर तो चर्चा हो रही है। साथ ही राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा चल रही है कि क्या नॉन प्रफॉरमेंस वाले मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है। हालांकि पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन बताया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, एचआरटीसी मंत्री गोविंद ठाकुर व महिला कल्याण व सामाजिक मंत्री सरवीन चौधरी के अलावा कुछ अन्य मंत्री भी आंकलन की कसौटी पर हो सकते हैं।
अटकलों के मुताबिक शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज को मंत्रिमंडल से हटाकर विधानसभा अध्यक्ष के पद पर तैनात किया जा सकता है। वहीं, अक्सर ही विवादों में घिरे रहने वाले एचआरटीसी व वन सहित युवा सेवा एवं खेल जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले गोविंद ठाकुर को भी मंत्रिमंडल से हटाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि गोविंद ठाकुर सबसे अहम महकमे हासिल करने में कामयाब रहे थे। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि केंद्र व प्रदेश में शीर्ष नेताओं से करीबियों का फायदा उठाकर कुछ मंत्रिमंडल में अपनी कुर्सी को बनाए रख सकते हैं।
जयराम सरकार को करीब दो साल होने को हैं, लेकिन शायद ही कोई ऐसा महीना निकला होगा जब एचआरटीसी मंत्री विवादों में ना आएं हो। हाईवे के ढाबों पर यात्रियों से जमकर लूटपाट की सोशल मीडिया में जमकर चर्चा हुई। इसके बाद एचआरटीसी का प्रबंधन नींद से तो जागा, लेकिन धरातल पर कोई बदलाव नहीं हुआ। इसके अलावा अचानक ही एचआरटीसी के किरायों में बढ़ोतरी की वजह से सरकार को खासी किरकिरी का सामना करना पड़ा था।
चंद सप्ताह पहले पत्नी के सरकारी वाहन में चंडीगढ़ में शॉपिंग की खबर को मीडिया की सुर्खियों में पाया गया। इस पर बवाल मचने के बाद सीएम को भी कहना पड़ा था कि जांच होगी, यह अलग बात है कि कोई नहीं जानता कि बाद में कोई एक्शन हुआ था या नहीं। द ग्रेट खली के मंडी शो से पहले भी विवाद उपज गया था। अहम विभागों के मुखिया होने के बावजूद भी गोविंद ठाकुर कोई करिश्माई रिजल्ट नहीं दे पाए। जहां तक नए चेहरों का सवाल है तो नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया को मंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।
पठानिया वरिष्ठता के साथ-साथ आक्रमक तेवर अपनाने में सक्षम हैं। अहम बात यह है कि राकेश पठानिया लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक लीड दिलवाने में भी सफल रहे थे। चंबा से विक्रम जरियाल का नाम भी आगे आ रहा है। महिला मंत्री हटाई जाती है तो हमीरपुर से महिला नेत्री को मौका दिया जा सकता है। हालांकि चंबा के प्रतिनिधित्व के तौर पर विधानसभा उपाध्यक्ष का पद हंसराज को दिया गया था, लेकिन मंत्रिमंडल की मांग चलती आ रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अलावा तेजतर्रार मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भी मंडी का प्रतिनिधित्व करते हैं। लिहाजा, अन्य जिला को तवज्जो दी जा सकती है।
कुल मिलाकर चंद रोज में यह बात साफ हो जाएगी की मंत्रिमंडल के विस्तार में कौन-कौन से दो नए चेहरे शामिल होंगे या इसके साथ ही बदलाव होगा या नहीं। दरअसल, अब यह भी मंथन होने लगा है कि आखिर चुनावों में मंत्री क्यों हार जाते हैं। समय रहते ही नॉन परफार्मिंग मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को शामिल किया जाना चाहिए। हाल ही में हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा सरकार के तमाम बड़े चेहरे चुनाव हार गए थे। यही कारण है कि भाजपा स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर पाई। जयराम सरकार के अधिकतर मंत्रियों के साथ एक परेशानी यह भी है कि वह अपने विधानसभा क्षेत्रों या फिर अधिक से अधिक अपने जिला तक ही सिमटे हुए हैं।
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