धर्मशाला : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 1ः05 बजे अपने शुरूआती शब्दों में ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पीठ थपथपाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो मां ज्वाला जी के सानिध्य में पूंजी निवेशकों का स्वागत करने में हर्ष महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योगों के लिए रियायतों की प्रथा हित में नहीं है। यह बात राज्य सरकारें समझने लगी हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग भी इंतजार करते रहते थे कि कौन सा राज्य ज्यादा रियायत देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योगों को इंस्पेक्टरी राज से मुक्ति व इको सिस्टम मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूंजी निवेश को लेकर राज्यों में एक स्वस्थ स्पर्धा नजर आने लगी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों में जितनी स्पर्धा बढे़गी, उतना ही फायदा होगा। उन्होंने कहा कि पहले इस तरह की इंवेस्टर मीट केवल चुनिंदा राज्यों में ही होती रही है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए जितनी स्पर्धा राज्यों में बढ़ेगी, उतना ही आर्थिकी को भी फायदा है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता व साफ-सुथरा माहौल उद्योगों की रफ्तार को बढ़ाने में सहायक होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल में सिंगल विंडो क्लीयरेंस व भूमि उपलब्धता इत्यादि ने पूंजी निवेश की तरफ बेहतर कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की पहचान पहले से बेहतर तरीके से बिजनेस फ्रेंडली के तौर पर हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बेवजह के कानून व सरकार की दखल भी उद्योगों की रफ्तार को रोकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार जो भी फैसले ले रही है वो देश की जनता की आंकाक्षाओं के मुताबिक ले रही है। इसी के चलते पूंजी निवेश व स्वरोजगार पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के बीच भारत ने बिजनेस रैकिंग में 79 का सुधार किया है।
इस साल भी भारत टॉप-10 में शुमार हुआ है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष की तुलना में भारत ने 6 इंडिकेटर्स में सुधार करने में सफलता पाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रैंकिंग में सुधार का मतलब आंकड़ों को ऊपर-नीचे करना नहीं है, बल्कि इसका मतलब है कि सरकार ने धरातल पर कार्य किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बुधवार शाम केंद्रीय कैबिनेट ने साढे़ 4 लाख मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए अहम फैसला लिया है, जो अपने घर लेने के लिए डवेल्पर्स के पास धक्के खा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक अक्तूबर के बाद से खुले घरेलू उद्योगों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में भी कटौती की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी को लागू कर भी सरकार ने ऐतिहासिक कार्य किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रफॉर्मेंस ही प्रोग्रेस लाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल टूरिज्म के क्षेत्र में पूरा फायदा उठाने के लिए पात्र है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले 70 से 75 लाख विदेशी पर्यटक आते थे, लेकिन अब यह आंकड़ा एक करोड़ पार कर गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में विदेशी मुद्रा का आंकड़ा भी 2 लाख करोड़ पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ने निवेशकों को हिमाचल में पर्यटन के नजरिए से निवेश करने पर बल देते हुए कहा कि थोड़ी देर पहले रिलीज की गई कॉफी टेबल बुक में विस्तार से हिमाचल में संभावनाओं का जिक्र किया गया है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि हिमाचल में संभावनाओं का भंडार है, जिसका दोहन नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री यह भी कहना नहीं भूले कि वो हिमाचल की एक-एक इंच भूमि से बखूबी वाकिफ हैं। प्रधानमंत्री ने फूड प्रोसेसिंग में भी संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ऑर्गेनिक खेती की संभावना काफी हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगों व सरकार में एक गैप था, जिसे केंद्र सरकार ने राज्य से मिलकर दूर करने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल में रेल, रोड व एयर कनेक्टिविटी पर भी तेजी से कार्य हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर देश में 100 लाख करोड़ के खर्च का लाभ हिमाचल को भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बेशक में एक-दूसरे की बोली समझ नहीं आती, लेकिन जुड़ाव गहरा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा में भी हिमाचल अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा परिवार नहीं है, जिसने अपना बेटा देश सेवा में नहीं भेजा। करीब 40 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने 8-10 मिनट हिमाचल से जुड़ी बातों का संबोधन किया। आखिरी शब्दों में खुद को मुख्यातिथि न बताकर हिमाचली बता दिया। साथ ही हिमाचल में निवेश का निवेदन भी कर दिया।
क्या बोले हिमाचल के मुख्यमंत्री
इस मौेके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाइबरेंट गुजरात की शुरूआत की थी। इसे देश के राज्य अपने-अपने तरीके से लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने प्रयास किया है। 80 हजार करोड़ का पूंजीनिवेश हो, इसके लिए एमओयू साइन हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि वो जानते हैं कि प्रदेश में कठिन परिस्थितियां भी हैं, लेकिन बहुत कुछ ऐसा है, जो अन्य राज्यों के पास नहीं है। सीएम ने कहा कि ऐसे संसाधन पूंजी निवेशकों के लिए फायदेमंद हैं। सीएम ने कहा कि सरकार ने पूंजीनिवेश को प्रोत्साहन देने के लिए नीतियों में भी बदलाव किया है।
हिमाचली रंग में रंगे देशी-विदेशी
ग्लोबल इंवेस्टर मीट में हिमाचल पहुंचे निवेशकों का हिमाचली रंग में स्वागत हुआ। पुलिस ग्राऊंड में आयोजन स्थल पर निवेशकों को पहाड़ी टोपी व मफलर पहनाकर स्वागत किया गया। लगभग 1800 निवेशकों के पहुंचने का दावा किया गया। अब तक 1095 हजार करोड़ रुपए के निवेश पर उद्यमियों ने सरकार के साथ करार किए हैं। इंवेस्टर में 1710 निवेशकों के पहुंचने की पुष्टि हुई है। इसमें 200 अंतरराष्ट्रीय निवेशक भी शामिल है। मीट में एक दर्जन देशों के राजदूत भी मौजूद हैं। उल्लेखनीय है कि मीट की ब्रांड एंबेस्डर यामी गौतम भी बीती रात ही धर्मशाला पहुंच गई थी।
यह भी हैं कुछ खास झलकियां...
प्रधानमंत्री तय कार्यक्रम के मुताबिक एक पल भी देरी से नहीं पहुंचे थे। पहुंचते ही प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही मुख्य सचिव ने संक्षिप्त जानकारी प्रदान की। 11:15 बजे के आसपास प्रधानमंत्री मंच पर पहुंच चुके थे। सीएम जयराम ठाकुर ने पीएम को हिमाचली देवरथ स्मृतिचिन्ह भेंट किया। 11:21 बजे के आसपास ग्लोबल इंवेस्टर मीट का आगाज हो गया। उद्योग मंत्री के अभिभाषण के बाद सीआईआईए के महानिदेशक चंद्रजीत बेनर्जी ने संबोधन किया। महानिदेशक का अभिभाषण नरेंद्र मोदी गौर से सुनते नजर आए। बेनर्जी ने टूरिज्म व हॉस्पिटेलिटी की संभावनाओं के दोहन पर बल दिया। तकरीबन 42 मिनट के लिए देश के नामी औद्योगिक घरानों, मारूति, अमेजॉन, जीएमआर, एयरटेल, अदानी के अध्यक्षों को हिमाचल में निवेष को लेकर अपनी राय रखने का मौका दिया गया था। उदघाटन समारोह में सीएम जयराम ठाकुर व प्रधानमंत्री ने कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।