नाहन: अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका मेले में इस बार रिवायत बदल गई है। हालांकि यह पुख्ता तौर पता नहीं चला है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इस मेले का उद्घाटन करने की रिवायत कब शुरू हुई थी। मगर, इतना जरूर है कि मेले के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री का रात्रि ठहराव भी श्री रेणुका जी में ही होता रहा है। उद्घाटन पर न आने वाला मुख्यमंत्री दोबारा इस कुर्सी पर काबिज नहीं होता। अब आप सोच रहे होंगे कि इस बार क्या बदलाव हो रहा है।
दरअसल मेले का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल द्वारा किया जा रहा है। जबकि समापन समारोह की अध्यक्षता 12 नवंबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर करेंगे। पहले मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री करते रहे हैं। जबकि समापन राज्यपाल द्वारा होता है। अहम बात यह है कि इस बार राज्यपाल को समापन में आमंत्रित नहीं किया गया है। ऐसी भी संभावना जताई जा रही है कि डॉ राजीव बिंदल ही पहले ऐसे विधानसभा अध्यक्ष होंगे जो इस मेले का उद्घाटन भगवान परशुराम की पालकियों को कंधा देकर करेंगे। इसके अलावा प्रशासनिक स्तर पर मेले के स्वरूप को सुधारने के प्रयास जारी है। लेकिन धार्मिक रिवाजों में कोई बदलाव नहीं है।
गौरतलब है कि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट की वजह से मुख्यमंत्री का कार्यक्रम मेले के उद्घाटन के लिए नहीं बन पाया। नाहन के अलावा पुरे सिरमौर के उनके समर्थक इस बात को लेकर बेहद खुश हैं की उनके चहेते नेता को इस बार मेले में उद्धघाटन का अवसर भगवान परशुराम व माता रेणुका ने दिया है। सनद रहे की सूबे में कुछ मुख्यमंत्री ऐसे भी रहे जो अलग-अलग कारणों से मेले के उद्घाटन पर नहीं पहुंच सके। लिहाजा यह बात सही साबित हुई कि वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। एक मर्तबा तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने चुनाव आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग से मेले के उद्घाटन की विशेष अनुमति भी हासिल की थी। इसके अलावा वीरभद्र सिंह उद्घाटन तो नहीं कर सके थे। लेकिन शाम को प्राचीन मंदिरों में शीश नवाजने जरूर पहुंचे थे।