नाहन : राजनीति भी गजब खेल है। यह बात पच्छाद के उपचुनाव में 24 अक्टूबर को साबित हो जाएगी। रोचक बात यह है कि उपचुनाव इस समय भाजपा के लिए जबरदस्त प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। अगर सत्तारूढ़ राजनीतिक दल चुनाव जीतता है, तो इसका श्रेय चुनाव प्रभारी व आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ले जाएंगे। पार्टी में एक अन्य नेता की भूमिका भी मानी जाएगी। लेकिन अगर चुनाव में शिकस्त मिली तो इसका ठीकरा सांसद सुरेश कश्यप व मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन बलदेव भंडारी पर फूटेगा। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों।
उपचुनाव के लिए पार्टी के टिकट के लिए लंबी फेहरिस्त थी। आखिर में दयाल प्यारी व रीना कश्यप में से प्रत्याशी का फैसला होना था, लेकिन दयाल प्यारी की दावेदारी में बलदेव भंडारी व सुरेश कश्यप को आपत्ति थी। इसका कारण यह था कि धक्का प्रकरण बेहद ही चर्चा में आया था, जिसमें मुख्यमंत्री के मंच से ही भंडारी ने दयाल प्यारी को धक्का दिया और वह वीडियो वायरल हो गया।
करीब 5 महीने पुरानी इस घटना की टीस भंडारी व दयाल प्यारी के बीच जारी रही। लिहाजा, अब पूरी ताकत झोंकने के बाद भी अगर भाजपा चुनाव हारती है तो उस सूरत में सांसद सुरेश कश्यप व मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन बलदेव भंडारी से यह सवाल पूछा जाएगा कि आखिर क्यों दयाल प्यारी से मनमुटाव को सही समय पर कंट्रोल नहीं किया गया।
कुल मिलाकर पच्छाद उप चुनाव को लेकर हलके में कई दिनों से डेरा डाले प्रभारी यही सोच रहे होंगे कि अगर जीत गए तो सेहरा हमें बंधेगा। हार मिलने की सूरत में तुम जिम्मेदार होंगे। 21 अक्टूबर को पश्चात उपचुनाव के मतदाता ही तय करेंगे कि कौन सही है और कौन गलत।
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