सोलन : प्रदेश की सबसे बड़ी नगरपरिषद सोलन में नियमों-कानूनों को ताक पर रख कर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए टैंडर प्रकिया के 29 कार्य करवाए गए हैं। जो कि विधायक कर्नल धनीराम शांडिल को रास नहीं आ रहे है। विधायक धनीराम शांडिल ने इस बाबत नगरपरिषद का दौरा कर नप के कार्यकारी अधिकारी ललित कुमार से मुलाकात कर नगरपरिषद के कार्यों में पूरी पारदर्शिता बरतने का आग्रह किया।
गौरतलब है कि शहर को एशिया के सबसे तेजी से उभरते हुए शहर में गिना जाता है। लेकिन यहां पर कई ऐसे कार्य है, जो कि पैसा मिलने के बाद भी ठंडे बस्ते में है व कार्य नहीं हो पा रहे है। पूर्व मंत्री व विधायक धनीराम शांडिल ने दर्जनों कार्यों के लिए करीब एक वर्ष पूर्व पैसा दिया है, लेकिन बावजूद इसके कार्य नहीं हो पा रहे है। वहीं करीब 29 कार्य ऐसे हैं, जो कि बिना टैंडर प्रकिया के हो गए है। जो कि नगरपरिषद की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।
विधायक धनीराम शांडिल ने नगरपरिषद अध्यक्ष ललित कुमार से आग्रह किया कि कार्यों में पूर्ण रूप से पारदर्शिता बनी रहे व जिन कार्यों के लिए पैसा मिल चुका है उन कार्यों को पूरा करें। निश्चित तौर पर जिस देश के प्रधानमंत्री कार्यों में पारदर्शिता की बातें करते नहीं थकते। वहां की स्थिति इसी बात से समझी जा सकती है कि अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए किस तरह नियमों कानूनों को ताक पर रख बिना टैंडर व बजट के कार्य किए जाते हैं। बाद में जबरदस्ती उस कार्य का टैंडर पास करवाया जाता है।
निश्चित तौर पर डिजिटल इंडिया के इस युग में भ्रष्टाचार का यह खेल जारी है। जयराम सरकार में यह कार्य हो रहा है। जनहित के कार्यों को अधर मे लटकाया जा रहा है व बिना टैंडर के कार्य हो रहे है। क्या यहीं रामराज्य है। इसका जवाब प्रदेश के मुखिया को देना चाहिए व बेलगाम अधिकारियों कर्मचारियों पर लगाम लगाने की आवश्यकता है।