नाहन : शहर में बढ़ते वाहनों की संख्या से ट्रैफिक व्यवस्था दिन-प्रतिदिन चरमरा रही है। ट्रैफिक पुलिस लाख कोशिश करके भी व्यवस्था को सुचारु बनाने में असमर्थ महसूस कर रही है। भौगोलिक रूप से पहाड़ी शहर होने व सड़कें तंग होने से समस्या और विकराल हो रही है। नाहन बस स्टैंड से दिल्ली गेट की और जाने वाली सड़क पर कच्चा टैंक से जाम लगने शुरू हो जाते हैं। डाइट, रानी ताल, पक्का टैंक, लालटेन चौंक, गुन्नू घाट, मॉल रोड, रेणुका-शिमला मार्ग से भारी वाहनों के कारण ये स्थिति पैदा होती है।
स्कूलों की बसें व लोडेड ट्रक और ट्राले हर रोज़ सड़क तंग होने के कारण जाम व दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। रविवार शाम को दिल्ली गेट से नीचे की ओर मोड़ पर एक ट्राले व टूरिस्ट बस में टक्कर होने से बड़ी दुर्घटना होते-होते रह गई। पुलिस व प्रशासन लाख कोशिश कर भी यातायात व्यवस्था को दुरुस्त नहीं कर पा रहे हैं। कई प्रबुद्ध लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि लोडेड ट्रक रात को ही शहर के संकरे मार्गों से गुजरने चाहिए। इसकी टाइमिंग रात 9 बजे के बाद व तड़के 6 बजे से पहले तय होनी चाहिए।
यही नहीं एचआरटीसी की बसों को अगर बस स्टैंड से ही नीचे की और रवाना किया जाए तब भी यातायात व्यवस्था में सुधार की गुंजाईश पैदा की जा सकती है। स्कूल बसों के लिए भी समय निर्धारण की व्यवस्था होना जरुरी है। अगर व्यवस्था को सुधारा नहीं गया तो वह दिन दूर नहीं जब यहां भी महानगरों की तरह लंबे जाम व दुर्घटनाओं की आशंकाएं बढ़ती रहेंगी।