शिमला : हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराध चरम पर पहुंचता जा रहा है। प्रदेश के साइबर सैल की मानें तो साल 2019 में साइबर फ्राॅड की अक्तूबर तक करीब 1500 शिकायतें पहुंची हैं। अहम बात यह है कि अधिकतर मामलों में पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है। पुलिस मुख्यालय शिमला ने साइबर अपराध के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए शुक्रवार को एडवाईजरी जारी की है। एडवाईजरी में पुलिस ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति विक्रेताओं को अपनी अनुपस्थिति में क्रेडिट व डेबिट कार्ड से भुगतान करने की अनुमति न दें।
इसके साथ ही अनाधिकृत लेनदेन के मामले में संबंधित बैंक शाखा में 48 घंटे के भीतर डिस्प्यूट फार्म में भरें। जब भी एटीएम, दुकानों, शापिंग माल, पेट्रोल पंप आदि में क्रेडिट व डेबिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो खुले तौर पर पिन दर्ज न करें। यदि बैंक खाते के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर एकाएक बंद हो जाता है तो संबंधित टेलिकॉम सेवा प्रदाता व बैंक से तुरंत संपर्क करें।
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि अनाधिकृत लेनदेन की जांच करने के लिए नियमित अंतराल पर अपने क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट की निगरानी करें। एटीएम मशीन के कार्ड स्लॉट की जांच करें। यदि बैंक खाते से अनाधिकृत पैसा निकल जाए तो इस संदर्भ में बैंक व पुलिस को तुरंत सूचित करें। अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए इंटरनेट बैंकिंग के ऑटो मोड को अक्षम करें। इसके साथ ही ध्यान रखे कि टोल फ्री नंबर कभी भी कॉल बैक नहीं करता है। ग्राहक को स्वयं टोल फ्री नंबर पर कॉल करना होता है।
एडवाइजरी के अनुसार ओटीपी और एटीएम पिन किसी के साथ सांझा न करें। व्हाट्सएप् और अन्य सोशल मीडिया एप्लीकेशन के माध्यम से अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने डेबिट व क्रेडिट कार्ड का विवरण सांझा न करें। अपने मोबाइल, लैपटॉप, पीसी, टैब आदि में अपने डेबिट व क्रेडिट कार्ड का विवरण, पिन आदि न रखें। जब आप कूरियर के माध्यम से डेबिट कार्ड व पिन प्राप्त करते हैं तो अपने डेबिट कार्ड के साथ गुप्त पिन न रखें।