सोलन (एमबीएम न्यूज) : जाबली स्थित उद्योग के श्रमिकों पर गत दिनों पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण किए गए लाठीचार्ज के विरोध में सोलन में एटक समर्थित श्रमिकों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। गुस्साए श्रमिकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की। एटक ने सरकार को चेताया है कि यदि जाबली में हुए लाठीचार्ज मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच नहीं करवाई गई तो आंदोलन को उग्र कर दिया जाएगा।
जाबली के विद्यतु उपकरण बनाने वाले उद्योग एचपीएल एंड हिमाचल एनर्जी के हड़ताली अनुबंध कामगारों पर गत दिनों पुलिस द्वारा भांजी गई लाठियों जिला मुख्यालय सोलन होते हुए राजधानी शिमला पहुंच गई है। मंगलवार को एटक के बैनर तले सैंकड़ों की तादाद में श्रमिकों ने सोलन में विरोध रैली निकाली। कुछ समय के लिए पूरा मालरोड़ प्रदेश सरकार की खिलाफत में लगाए गए नारों से गूंजता रहा। लाठीचार्ज के विरोध में गुस्साए श्रमिकों ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की।
सोलन में सरकार खिलाफी नारों की आवाज बुलंद होते ही कुछ समय के लिए जिला प्रशासन के आलाधिकारियों के हाथ-पांव फूल भी फूलते दिखाई दिए। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद शायद पहली दफा सोलन शहर में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री मुर्दाबाद के नारे गूंजें। यहां बतां दे कि जाबली उद्योग में श्रमिकों और प्रबंधकों के खिलाफ उपजे विवाद को जिला प्रशासन सुलझा नहीं पाया।
एटक प्रदेशाध्यक्ष कामरेड जगदीश भारद्वाज ने प्रदर्शनकारी को संबोधित करते हुए कहा कि उद्योगों में श्रमिकों का शाोषण हो रहा है तथा प्रदेश सरकार तमाशबीन बनी हुई है। उन्होंने कहा कि जाबली में शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे पुरूष व महिला कामगारों पर पुलिस ने बर्बरतापूर्ण लाठियां बरसाई है। एटक जाबली में श्रमिकों पर हुए लाठीचार्ज मामले की लगातार न्यायिक जांच की मांग कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के ईशारे पर ही पुलिस मजूदरों पर लाठियां भांज रही है। उन्होंने आरोप मढ़ा कि प्रदेश सरकार श्रमिको के हितों की पैरवी करने की बजाए उद्योगपतियों का साथ दे रही है।
प्रदेश में श्रमिकों का शोषण हो रहा है और जिला प्रशासन तथा श्रम विभाग के अधिकारी कानों में रूई ठूंसे बैठे हुए हैं। कामरेड भारद्वाज ने कहा कि कोई भी सरकार श्रमिकों के आंदोलन को कुचल नहीं सकती। उन्होंने कहा कि जब तब श्रमिकों की न्यायसंगत मांगों को उद्योग प्रबंधन और श्रम विभाग नहीं मानता तब तक श्रमिकों का आंदोलन खत्म नहीं होगा। एटक ने लाठीचार्ज की जुडिशियल मांग करते मामले की जांच पूर्ण होने तक डीएसपी परवाणू तथा तहसीलदार कसौली को निलंबित रखने की मांग प्रदेश सरकार से की है।
एटक प्रदेशाध्यक्ष ने पुलिस और प्रशासन द्वारा श्रमिक आंदोलन में असमाजिक तत्वों के शामिल होने के कथित आरोप का जवाब देते हुए कहा कि आज की रैली में जुटे हजारोंआंदोलनकारियों को प्रशासन किस नामक से पुकारता है। उन्होंने कहा कि आज की रैली के बाद भी हमारा आंदोलन थमने वाला नहीं है और यह आंदोलन पूरे प्रदेश में भडक़ेगा। इस मौके पर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव कामरेड शशी पंडित ने कहा कि इस गैर कानूनी लाठीचार्ज में कसौली के तहसीलदार और परवाणू के डीएसपी को निलंबित करने के साथ-साथ इनके खिलाफ जांच बिठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और एटक मिलकर प्रदेशभर में आंदोलन चलाएंगे। इस मौके पर एटक के राष्ट्रीयय सचिव एवं हिमाचल प्रभारी बंत सिंह बराड़ ने कहा कि कंपनी ने श्रमिकों का ईपीएफ घोटाला किया है बहुत बड़ा अपराध है और सरकार उद्योग प्रबंधन के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करे। उन्होंने कहा कि इस मामले को एटक राष्ट्रीय स्तर पर उठाएगी।
एसपी को श्रमिकों ने घेरा
इसी बीच एनसीसी आफिस के पास से अपने वाहन से गुजर रहे एसपी सोलन डा.रमेश छाजटा को श्रमिकों ने घेर लिया और गुस्साए मजदूरों ने उनके खिलाफ भी नारे बाजी की। श्रमिक विरोध स्वरूप सडक़ मे ही बैठ गए और पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ नारे बाजी करने लगे। पुलिस अधीक्षक वाहन से उतर कर श्रमिक प्रतिनिधियों के पास आए और इस मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया।