नाहन: 22 साल की हलिमा खातून 8 माह की गर्भवती थी। चूंकि मामला पेचिदा था, लिहाजा उसे पांवटा साहिब से नाहन मेडिकल कॉलेज रैफर कर दिया गया। यहां भी चिकित्सकों ने हाथ खडे़ कर महिला को 32 सेक्टर चंडीगढ़ रैफर किया, लेकिन डेराबस्सी पहुंच कर महिला की हालत बिगड़ने लगी।
लिहाजा तुरंत ही 108 के ईएमटी नरेंद्र व पायलट राजेश ने प्रसूति करवाने का फैसला लिया। स्थिति ऐसी थी कि करीब आधे-पौने घंटे का सफर भी महिला के लिए संभव नहीं हो रहा था। महिला की गोद में बेटे की किलकारी गूंजते ही न केवल 108 कर्मियों के चेहरों पर सुकून आया, बल्कि परिजनों की ख़ुशी का ठिकाना भी नहीं रहा।