नाहन : पच्छाद उपचुनाव प्रदेश की सत्तारूढ़ सरकार के लिए साख का सवाल बन गया है। दयाल प्यारी के निर्दलीय नामांकन के बाद मैदान में उतरने से भाजपा हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। प्रदेश सरकार के दिग्गज अलग-अलग क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए लोगों की नब्ज टटोल रहे हैं। जातिगत समीकरणों को भुनाने के अलावा क्षेत्रीय मुद्दों को कईं हिस्सों में बांट कर प्रदेश के कबीना मंत्रियों की ड्यूटी चुनाव प्रचार में लगाई गई है।
राजनीतिक कौशल व चुनाव जीतने में चैंपियन माने जाने वाले सिंचाई एवं बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हैं। उनके सहयोग के लिए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, समाज एवं महिला व बाल कल्याण मंत्री डॉ राजीव सहजल, पार्टी के वरिष्ठ नेता व मुख्य सचेतक नरेंद्र ब्रागटा के अलावा सांसद सुरेश कश्यप, पार्टी संगठन महामंत्री चंद्र मोहन ठाकुर, विपणन बोर्ड के चैयरमेन बलदेव भंडारी, खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर, कैलाश फैडरेशन के चैयरमेन रवि मेहता, खाद्य ग्राम उद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पुरषोत्तम गुलेरिया व सिरमौर, सोलन व शिमला जिला के भाजपा विधायक, जिला अध्यक्ष विनय गुप्ता जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता पार्टी प्रत्याशी रीना कश्यप की जीत को सुनिश्चित बनाने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं।
पूरे प्रदेश के अलावा सीमावर्ती राज्यों के लोगों की नजरें पच्छाद विधानसभा उपचुनाव पर टिकी हुई हैं। सरकार ने पर्दे के पीछे से अपने सारे संसाधन चुनावी प्रचार में झोंक दिए हैं। आने वाले दिनों में केंद्र के किसी वरिष्ठ नेता के चुनावी रैली की तैयारियां भी अंदर खाते चल रही हैं। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा हर रोज फ़ोन पर वरिष्ठ नेताओं से चुनाव का फीडबैक ले रहे हैं।
कुल मिलाकर यह चुनाव सरकार की लोकप्रियता व टिकट आबंटन के निर्णय पर प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। भाजपा इस सीट को किसी भी हाल में खोना नहीं चाहती। देखना हैं ऊंट किस करवट बैठता है। ज्यों-ज्यों चुनाव प्रचार आगे बढ़ेगा तो पच्छाद चुनाव और दिलचस्प होता जाएगा।