नाहन : पच्छाद उप चुनाव में बीजेपी का टिकट फाइनल होने के बाद गिरिआर से सांसद सुरेश कश्यप व विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी पर लीड दिलवाने की बड़ी चुनौती सामने आ गई है। जिस तरीके से सराहां क्षेत्र में हलचल हो रही है, उससे यह प्रतीत हो रहा है कि डगर आसान नहीं है। इतना जरूर है कि बीजेपी ने राजगढ़ क्षेत्र से युवा नेत्री को टिकट देकर वहां के लोगों की डिमांड को पूरा कर दिया है, लेकिन इस बात को कतई भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि पहली मर्तबा चुनाव में जातिगत समीकरण के अलावा क्षेत्रवाद भी हावी हुआ है।
बेशक ही हलका अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, लेकिन यहां राजपूत नेताओं की तूती बोलती है। इसमें गिरिआर से बलदेव भंडारी तो गिरिपार से चंद्रमोहन ठाकुर हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि संगठन पर ठाकुर की पकड़ अधिक मजबूत है। चूंकि भंडारी व दयाल प्यारी के बीच तीखा विवाद अब भी जारी है, लिहाजा रीना कश्यप के नाम पर सहमति दी होगी।
उधर जानकारों का यह भी कहना है कि देर दोपहर टिकट तय हो जाने के बाद दयाल प्यारी अपने समर्थको से घिरी हुई थी, लिहाजा नजरें इस बात पर टिकी हुई हैं कि वो अगला रुख क्या अपनाएगी। सोमवार शाम 5 बजे तक नामांकन पत्र दाखिल करने का समय है। देखना होगा कि समयावधि पूरी होने के बाद कितने नामांकन पत्र दाखिल होते हैं। रविवार देर रात दयाल प्यारी की सीएम से मुलाकात भी खासी चर्चा में है। बेशक ही इस मुलाकात की अधिकारिक पुष्टि करने को कोई तैयार नहीं है, लेकिन चर्चाओं के मुताबिक दयाल प्यारी को बगावत न करने की शर्त पर बड़ा ओहदा देने की पेशकश हुई है।
कुल मिलाकर नामांकनपत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही कई सवालों का जवाब बिना अधिकारिक पुष्टि के ही स्पष्ट हो जाएगा। सनद रहे कि बीजेपी प्रत्याशी व दयाल प्यारी दोनों ही कोली बिरादरी से ताल्लुक रखती हैं। इस बिरादरी के करीब 30 से 32 प्रतिशत मत हैं। इसके अलावा राजपूत व ब्राह्मण वोट बैंक भी अहम भूमिका निभा सकता है। लेकिन यह भी बताया जाता है कि राजपूत व ब्राह्मण मत एक तरफ एकजुटता से नहीं डलते हैं।