शिमला : नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी शिमला (घंडल) में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने की मांग को लेकर छात्र-छात्राओं का आंदोलन गुरूवार को दसवें दिन भी जारी रहा। आंदोलनरत विद्यार्थियों ने शिमला में मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने यूनिवर्सिटी के कुलपति पर उनकी मांगों को हल्के में लेने का आरोप लगाया।
विद्यार्थियों ने दो टूक कहा कि मांगें पूरी न होने पर उनका आंदोलन जारी रहेगा। नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों एसके चौधरी, उज्जवल रॉव, शिवा नमन, अंगत सहारन, और पारखी ने संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन लिखित में मांगें पूरी करने से आनाकानी कर रहा है। इन्होंने कहा कि वे सालाना ढाई लाख तक फीस चुका रहे हैं, बावजूद इसके उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रहीं। यूनिवर्सिटी कैंपस में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। पीने के लिए साफ पानी तक नहीं दिया जाता। वाईफाई की सुविधा भी नहीं है, छात्रावासों के कमरों में पर्दे, पानी और कपड़े धुलाने की सुविधाएं भी नहीं हैं। ईसी-एसी की बैठकों में लिए फैसलों को गुप्त रखा जाता है।
विद्यार्थियों के मुताबिक यूनिवर्सिटी के पुस्तकालय में किताबें नहीं हैं, मेडिकल भी सुविधा नहीं है। छात्रावासों में शिक्षकों को ही वार्डन बनाया है, लेकिन वो उनकी समस्याओं का हल नहीं कर पा रहे हैं। परिवहन सुविधा भी नाम मात्र दी जा रही है। केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ तक नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि विवि में पुस्तकालय तक की सुविधा सही नहीं है, यहां सिर्फ 40 छात्र ही बैठ सकते हैं। दो हाल बनाए हैं लेकिन लाइब्रेरी नहीं बनाई है।
समय सारणी के मुताबिक कक्षाएं नहीं लग रहीं। छात्रों को अपनी बात रखने के लिए कोई मंच नहीं न ही कोई कार्यकारिणी गठित की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी पढ़ाई के हो रहे नुकसान को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन के साथ-साथ प्रदेश सरकार से भी उनकी मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है।