नाहन : विधानसभा उपचुनाव की अधिसूचना से पहले जयराम सरकार ने सराहां को एसडीएम कार्यालय की सौगात दी है। लिहाजा पच्छाद सूबे के उन चुनिंदा हलकों में शामिल हो गया है जहां दो एसडीएम कार्यालय चल रहे हैं। इस स्थिति में हर कोई इस सवाल के जवाब को तलाश रहा था कि आखिर उपचुनाव के प्रत्याशी कहां नामांकन पत्र भरेंगे। एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने पहले ही इस बाबत मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से निर्देश हासिल कर लिए थे।
इसके मुताबिक राजगढ़ के एसडीएम ही उपचुनाव के सहायक निर्वाचन अधिकरी होंगे। उपायुक्त आरके परुथी ने भी साफ़ किया है कि राजगढ़ के एसडीएम ही सहायक निर्वाचन अधिकारी होंगे। वैसे तो विगत के चुनावों में पच्छाद हलके के सराहां विकास खंड में जातीय समीकरण हावी रहते रहे हैं। लेकिन इस बार यह भी पहली बार है कि जब जाति समीकरण की बजाए क्षेत्र की राजनीति हावी है। इसी ने भाजपा की सिरदर्दी बढ़ा रखी है। हालांकि कांग्रेसियों ने प्रत्याशी के लिए आवेदन आमंत्रित किए है। काफी हद तक माना जा रहा है कि मुसाफिर ही कांग्रेस के दूल्हे होंगे।
उधर बीजेपी ने पार्टी के टिकट के चाहवानों की सूची लंबी हो चुकी है। सोशल मीडिया मे यह दावा किया जा रहा है की विधायक से सांसद बने सुरेश कश्यप अपने रिश्तेदारों के टिकट की पैरवी कर रहें हैं। सांसद की ख़ामोशी सोशल मीडिया के दावों पर लाज़मी तौर पर मोहर लगा रही है। बीजेपी पर गिरिपार से टिकट देने का भी दबाव है। कुल मिलाकर जहां मुसाफिर प्रचार में उतर चुके हैं। वहीं बीजेपी को अपना कुनबा ही संभालने की चुनौती मिल रही है। हलके में बलदेव भंडारी बनाम दयाल प्यारी के बीच विवाद के बाद विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के नए समीकरण बनने शुरू हो गए हैं। मामूली चूक बीजेपी को भारी पड़ सकती है।